नई दिल्ली। पाकिस्तान की 20 करोड़ की आबादी में सिर्फ 10 फीसदी गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं. जिसमें से ज्यादातर हिंदू हैं. पाकिस्तान सरकार और फौज के लिए वहां के हिंदू किसी जानवर की तरह हैं. जिन पर जुल्म ढाने में पाकिस्तान अपनी शान समझता है। आजतक की एक खबर के मुताबिक गुरुवार को पाकिस्तान में अल्पसंख्यक दिवस मनाया गया. तो पाकिस्तान के हर शहर में हिंदू आबादी सड़कों पर उतर आई. और खुद पर हो रहीं ज्यादतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगी. प्रदर्शनों में हिंदू आबादी का दर्द फूट पड़ा,पाकिस्तान की गली-गली और शहर शहर में इन दिनों हिंदुओं का गुस्सा उबाल पर है. इस गुस्से के केंद्र बिंदु में हैं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पूर्व सांसद पीर अब्दुल हक. जिन्हें पाकिस्तान में मियां मिट्ठू के नाम से भी जाना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक माना जाता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का ठेका इन्ही मियां मिट्ठू ने उठाया हुआ है. मियां मिट्ठू को हिंदुओं और खासकर हिंदू लड़कियों का अपहरण करवाकरउनका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने में महारत हासिल है. उनके खिलाफ 117 मामले दर्ज हैं। मियां मिट्ठू जैसे लोग कैसे पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं. उसकी असलियत खुद वहां की मीडिया दुनिया के सामने लाती आई है. पाकिस्तान में हिंदू होना और उसपर भी हिंदू लड़की होना कितना बड़ा खतरा है, ये किसी से छिपा नहीं है. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए बताया की अगर मुल्ला का बस चले तो ये जानवरों को भीइस्लाम कुबूल करवा दें. इनकी कट्टरता की वजह से ही पाकिस्तान पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है।
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