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Tuesday, 23 August 2016
खुदा की कुदरत,65 साल की औरते भी यहाँ सदा रहती है जवान
करकोरम:उत्तरी पकिस्तान के करकोरम पहाड़ों पर हुंजा घाटी के नाम से मशहूर जगह पर अपनी ज़िन्दगी ख़ुशी के साथ गुज़ारने वाले हुंजा प्रजाति के लोग औसतन 120 साल की उम्र तक ज़िंदा रहते हैं, यही नहीं बल्कि यहाँ की महिलाएं 65 साल की उम्र तक बूढ़ी नहीं होती हैं. और इस उम्र तक बच्चे को जन्म दे सकती हैं.फेसबुक पर हमारा पेज लाइक करने की लिये, यहाँक्लिककरे…यह लोग खुबानी खाते हैं, और देखने में इतने खूबसूरत दिखाई देते कि ऐसा लगता हैं जैसे यहलोग इस दुनिया के है ही नहीं. इनकी संख्या लगभग 87 हज़ार होगी. यहाँ पर रहने वाले अधिकतर बिना किसी बीमारी के मरते हैं. बतायाजाता हैं कुछ लोग 160 साल तक भी ज़िंदा रहते हैं.हुंजा के लोग शून्य के भी नीचे के तापमान पर बर्फ के ठंडे पानी में नहाते हैं. ये लोग वहीखाना खाते हैं जो ये खुद उगाते हैं, ये खूबानी, मेवे, सब्जियां और अनाज में जौ, बाजरा और कूटू ही खाते हैं.कम खाना और ज़्यादा टहलना इनकी जीवन शैली हैं, डॉक्टरों ने भी ये माना है कि इनकी जीवनशैली ही इनकी लंबी आयु का राज है !फेसबुक पर हमारा पेज लाइक करने की लिये, यहाँक्लिककरे…आइये आपको दिखते हैं इनकी कुछ अध्बुत तस्वीरें…*.हुंजा प्रजाति के लोग दिमागी तौर पर बहुत ही ज्यादा स्ट्रांग होते हैं और इनको कभी भी कैंसर की बीमारी नहीं होती.*.जहां एक और इनकी औरतें 70 या 80 साल की उम्र में भी जवान और खूबसूरत नजर आती है, वही इस प्रजाति के पुरुष 90 साल तक की उम्र में पिता बन जाते हैं.*.इनकी रोजमर्रा की जिंदगी जीने का तरीकाही इनकी लंबी उम्र का रहस्य यह लोग सुबह5:00 बजे उठ जाते हैं और अधिकतर यह लोग पैदल बहुत घूमते हैं.*.हुंजा प्रजाति के लोग मांस ना के बराबर खाते हैं किसी विशेष उत्सव पर ही मांस का सेवन किया जाता है, और यह लोग मांस केबहुत छोटे-छोटे टुकड़े करके खाते हैं.*.इनके बारे में कहा जाता है कि यह एलेग्जेंडर द ग्रेट की सेना के वंशज हैं.*.हुंजा वैली पाकिस्तान में की सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है.*.इनकी प्रजाति पर और इनकी जीवन शैली पर कई लोग किताबें भी लिख चुके हैं.फेसबुक पर हमारा पेज लाइक करने की लिये, यहाँक्लिककरे…साभार – वर्ल्ड न्यूज़ अरबिया
बीजेपी है उ प की पहली पसंद,सर्वे में सपा को भी होगा फायदा।
यूपी इलेक्शन पर सभी पार्टियों की नजर है। लेकिन सर्वे बताते हैं कि
यूपी में त्रिशंकु नतीजों के आसार हैं।ओपिनियन पोल में सामने आया है कि यूपी में समाजवादी पार्टी, भाजपा और बसपा में कड़ा मुकाबला है। इस सर्वे के अनुसार कांग्रेस राज्य में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन की ओर जा सकती है। यह सर्वे लोकनीति-सीएसडीएस ने किया है। सर्वे के अनुसार मुस्लिम मत सपा तो दलित मायावती के साथ हैं। अपर कास्ट भाजपा का दामन थाम सकता है। वहीं मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव और मायावती लोगों की पहली पसंद हैं। दोनों को 24-24 प्रतिशत लोग पसंद करते है।, असमबाढ़ की नई रिपोर्ट में लगा दी पुरानी तस्वीरसर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में 55 प्रतिशत सवर्ण वोट भाजपा को जा सकते हैं। असपा के साथ 9 तो सपा को 15 फीसदी सवर्ण वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस को केवल 5 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। गैरयादवओबीसी वोटों के मामले मेंभी भाजपा का पलड़ा भारी है। यहां से 38 प्रतिशतलोग भाजपा, 19 प्रतिशत सपा और 23 प्रतिश बसपा के साथ जा सकते हैं। हालांकि मुसलमान सपा के साथ खड़े दिख रहे हैं। 62 फीसदी मुस्लिम वोटर सपा को वोट कर सकते हैं। यहां पर भाजपा काफी पीछे छूट सकती है और उसके पक्ष में केवल चार प्रतिशत मुस्लिम वोट आ सकते हैं। दलितों की बातकरें तो वे बसपा का चुनाव कर सकते हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा और तीसरे पर बसपा रह सकती है।सर्वे के अनुसार 420 सदस्यीय यूपी विधानसभा में सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उसे 141 से 151 सीट मिल सकती है। भाजपा को 124 से 134, बसपा को 103 से 113 सीटें मिल सकती है। कांग्रेस केवल 8 से 14 सीट पर सिमट सकती है। क्षेत्रवार सीटें मिलने के सर्वे में भाजपा पूर्वी और पश्चिमी यूपी में आगे रहेगी। वहीं रोहिलखंड में सपा आगे रह सकती है। अवध में सपा और बसपा में कड़ी लड़ाई है। बुंदेलखंड में सभी पार्टियां लड़ाई में हैं।
यूपी में त्रिशंकु नतीजों के आसार हैं।ओपिनियन पोल में सामने आया है कि यूपी में समाजवादी पार्टी, भाजपा और बसपा में कड़ा मुकाबला है। इस सर्वे के अनुसार कांग्रेस राज्य में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन की ओर जा सकती है। यह सर्वे लोकनीति-सीएसडीएस ने किया है। सर्वे के अनुसार मुस्लिम मत सपा तो दलित मायावती के साथ हैं। अपर कास्ट भाजपा का दामन थाम सकता है। वहीं मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव और मायावती लोगों की पहली पसंद हैं। दोनों को 24-24 प्रतिशत लोग पसंद करते है।, असमबाढ़ की नई रिपोर्ट में लगा दी पुरानी तस्वीरसर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में 55 प्रतिशत सवर्ण वोट भाजपा को जा सकते हैं। असपा के साथ 9 तो सपा को 15 फीसदी सवर्ण वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस को केवल 5 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। गैरयादवओबीसी वोटों के मामले मेंभी भाजपा का पलड़ा भारी है। यहां से 38 प्रतिशतलोग भाजपा, 19 प्रतिशत सपा और 23 प्रतिश बसपा के साथ जा सकते हैं। हालांकि मुसलमान सपा के साथ खड़े दिख रहे हैं। 62 फीसदी मुस्लिम वोटर सपा को वोट कर सकते हैं। यहां पर भाजपा काफी पीछे छूट सकती है और उसके पक्ष में केवल चार प्रतिशत मुस्लिम वोट आ सकते हैं। दलितों की बातकरें तो वे बसपा का चुनाव कर सकते हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा और तीसरे पर बसपा रह सकती है।सर्वे के अनुसार 420 सदस्यीय यूपी विधानसभा में सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उसे 141 से 151 सीट मिल सकती है। भाजपा को 124 से 134, बसपा को 103 से 113 सीटें मिल सकती है। कांग्रेस केवल 8 से 14 सीट पर सिमट सकती है। क्षेत्रवार सीटें मिलने के सर्वे में भाजपा पूर्वी और पश्चिमी यूपी में आगे रहेगी। वहीं रोहिलखंड में सपा आगे रह सकती है। अवध में सपा और बसपा में कड़ी लड़ाई है। बुंदेलखंड में सभी पार्टियां लड़ाई में हैं।
पत्नी ने मायके जाकर की दूसरी शादी,राशन कार्ड पर लिखा दूसरे पति का नाम।यहाँ पढ़े
बिलासपुर/कोरबा. जिला मुख्यालय में एसडीएम गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने फरियादियों से आवेदन लिया। कलेक्टर पी दयानंद कटघोरा में जिला स्तरीय जनदर्शन कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। इस वजह से यहां आने वाले ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों की फरियाद एसडीएम ने सुनी। ज्यादातर लोग राशन कार्ड को लेकर यहां आए थे। इसमें कुछ लोगों का नाम परिवार के अन्य राशन कार्ड में शामिल होने और भूरा कार्ड होने के कारण सस्ता राशन नहीं मिलने की शिकायत की।- वहीं एक महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके नाम पर राशन कार्ड जारी हुआ था। पति से विवाद होने के बाद वह अपने बच्चे के साथ काम के सिलसिले में रायगढ़ चली गई थी।- इस दौरान उसके पति दूसरा ब्याह कर लिया और राशन कार्ड में नाम परिवर्तन कर मुखिया के तौर पर अपना नाम दर्ज कर लिया।- अब वह काम समाप्त होने पर वापस कोरबा आ गई है। ऐसे में उसे अपने नाम के राशन कार्ड की आवश्यकता है। इसी तरह अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों ने भी मुआवजा को लेकर गुहार लगाई।
इक बार फिर दिल्ली हुई शर्मसार,8 साल की बच्ची से किया दुष्कर्म
नई दिल्ली:दिल्ली में एक बार फिर एक मासूम को कुछ युवको द्वारा अपनी
हवस का शिकार बनाया गया है. पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में सात साल की एक बच्ची का अपहरण कर तीन युवकों ने कथिततौर पर उससे बलात्कार किया है. दिल्ली के उपायुक्त रिषी पाल ने इस बात की जानकारी दी.उन्होंने बताया, बच्ची अस्पताल में है और ठीक हो रही है. तीन आरोपियों का जिक्र एफआईआर में हैऔर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में भुरे (19) और आमिर (21) उसके पड़ोसी हैं. पाल ने कहा कि पीड़िता अपने माता-पिता के साथ मंडावली के यमुना खादर इलाके में रहती है.पुलिस ने कहा कि पीड़िता कल रात अपने घर के बाहरसो रही थी तभी आरोपियों ने कथित तौर पर उसे उठाया और रात करीब 11 बजे उससे बलात्कार किया. आरोपी बच्ची को उसके घर के पास फेंक कर भाग गए. वह अपने माता पिता और स्थानीय लोगों को बेहोश मिली जो उसकी तलाश कर रहे थे.
हवस का शिकार बनाया गया है. पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में सात साल की एक बच्ची का अपहरण कर तीन युवकों ने कथिततौर पर उससे बलात्कार किया है. दिल्ली के उपायुक्त रिषी पाल ने इस बात की जानकारी दी.उन्होंने बताया, बच्ची अस्पताल में है और ठीक हो रही है. तीन आरोपियों का जिक्र एफआईआर में हैऔर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में भुरे (19) और आमिर (21) उसके पड़ोसी हैं. पाल ने कहा कि पीड़िता अपने माता-पिता के साथ मंडावली के यमुना खादर इलाके में रहती है.पुलिस ने कहा कि पीड़िता कल रात अपने घर के बाहरसो रही थी तभी आरोपियों ने कथित तौर पर उसे उठाया और रात करीब 11 बजे उससे बलात्कार किया. आरोपी बच्ची को उसके घर के पास फेंक कर भाग गए. वह अपने माता पिता और स्थानीय लोगों को बेहोश मिली जो उसकी तलाश कर रहे थे.
हुज़ूर s.a.w ने आज से 1450 साल पहले ही चला दिया था बेटी बचाओ अभियान।
उस जाहिलियत के ज़माने में लोग अपनी मासूम बच्चियों को सामने बिठाकर कब्र खोदते थे, फिर उस बच्ची के हाथ में गुड़िया देकर, उसे मिठाई का टुकड़ा थमाकर, उसे नीले पीले और सुर्ख रंग के कपड़ेदेकर उस कब्र में बिठा देते थे, बच्ची उसे खेल समझती थी, वो क़ब्र में कपड़ों, मिठाई के टुकड़ों और गुड़ियाओं के साथ खेलने लगती थी फिर ये लोग अचानक उस खेलती, मुस्कुराती और खिलखिलाती बच्ची पर रेत और मिट्टी डालने लगते थे।बच्ची शुरू-शुरू में उसे भी खेल ही समझती थी, लेकिनजब रेत मिट्टी उसकी गर्दन तक पहुँच जाती तो वो घबराकर अपने वालिद, अपनी माँ को आवाजें देने लगती थी, लेकिन ज़ालिम वालिद मिट्टी डालने की रफ्तार और तेज कर देता था।ये लोग इस अमल के बाद वापस जाते थे तो उन मासूम बच्चियों की सिसकियाँ घरों के दरवाजों तक उनका पीछा करती थीं, लेकिन उन ज़ालिमों के दिल स्याह हो चुके थे जो नर्म नहीं होते थे।बहुत से ऐसे भी लोग थे जिनसे “इस्लाम” कुबूल करने से पहले माज़ी में ऐसी गलतियाँ हुई थींएक ने वाक़या सुनायामैं अपनी बेटी को क़ब्रस्तान लेकर जा रहा था, बच्ची ने मेरी उंगली पकड़ रखी थी, उसे बाप की उंगली पकड़े हुऐ खुशी हो रही थी, वो सारा रस्ता अपनी तोतली ज़बान में मुझसे फरमाइशें भी करती रही और मैं सारा रस्ता उसे और उसकी फरमाइशों को बहलाता रहा।मैं उसे लेकर क़ब्रस्तान पहुँचा, मैंने उसके लिये क़ब्र की जगह चुनी, मैं नीचे ज़मीन पर बैठा अपने हाथों से रेत मिट्टी उठाने लगा, मेरी बेटी ने मुझे काम करते देखा तो वो भी मेरा हाथ बँटाने लगी, वो भी अपने नन्हें हाथों से मिट्टी खोदने लगी, हम दोनों बाप बेटी मिलकर मिट्टी खोदते रहे, मैंने उस दिन साफकपड़े पहन रखे थे, मिट्टी खोदने के दौरान मेरे कपड़ों पर मिट्टी लग गई, मेरी बेटी ने कपड़ों पर मिट्टी देखा तो उसने अपने हाथ झाड़े, अपने हाथ अपनीकमीज़ में पोंछे और मेरे कपड़ों में लगी मिट्टी साफ़ करने लगी…।क़ब्र तय्यार हुई तो मैंने उसे क़ब्र में बैठाया और उस पर मिट्टी डालना शुरू कर दिया, वो भी अपने नन्हे हाथों से अपने ऊपर मिट्टी डालने लगी, वो मिट्टी डालती जाती खिलखिलाती रहती और मुझ से फरमाइशें करती जाती थी, लेकिन मैं दिल ही दिल में अपने झूठे खुदाओं से दुवा कर रहा था कि तुम मेरी बेटी की कुरबानी कुबूल कर लो और मुझे अगले साल बेटा दे दो…। मैं दुवा करता रहा और बेटी मिट्टी में दफ़्न होती रही…।मैंने आखिर में जब उसके सर पर मिट्टी डालना शुरू किया तो उसने सहमी सी नज़रों से मुझे देखा और तोतली ज़बान में पूछा: “अब्बाजान! मेरी जान आप पर कुरबान मगर आप मुझे मिट्टी में दफ़्न क्यूँ कर रहे हो…” ?मैंने अपने दिल पर पत्थर रख लिया और दोनों हाथों से और तेजी के साथ कब्र पर मिट्टी फेंकने लगा…।मेरी बेटी रोती रही, चींखती रही, दुहाइयाँ देती रहीलेकिन मैंने उसे मिट्टी में दफ़्न कर दिया…।ये वो आखिरी अल्फ़ाज़ थे, जहाँ रहमतुल आलमीन नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का ज़ब्त जवाब दे गया… आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की हिचकियाँ बँधगईं, दाढ़ी मुबारक आँसुओं से तर हो गई और आवाज़ हलक मुबारक में फंसने लगी…।वो शख्स दहाड़े मार-मार के रो रहा था और रहमतुल आलमीन सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हिचकियाँ ले रहे थे, उसने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा- “या रसूलल्लाह! (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) क्या मेरा ये गुनाह भी माफ हो जायेगा…” ?रहमतुल आलमीन सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की आँखों से अश्क़ों की नहरें बह रही थीं…।अरब के ऐसे माहौल में अल्लाह के रसूल ने उन लोगों को दीन-ए-इस्लाम का सन्देश सुनाया और तमाम मुसीबतें उठा कर दीन को उनके दिलों में उतरा, ये रसूल की बरकत और क़ुरआन की शिक्षा का असर था कि अरब के तमाम बुरे रस्मो रवाज़ एक के बाद एक ख़तम होते चलेगए और जो लोग गर्दनों तक बुराइयों में डूबे हुए थे उन्होंने इस्लाम मज़हब अपनाने के बाद मिसालें कायमकर दीं।
आबादी तो बढ़ जायेगी हिन्दुओ की क्या मोदी लिखकर देंगे उनका रोज़गार वो चलाएंगे।
नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हिन्दुओं द्वारा ज्यादा बच्चे पैदा करने वालें बयान पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि ‘वो हिंदुओं को ज़्यादा बच्चे पैदा करनेको तो कह रहे हैं, लेकिन वो मोदी जी से ये भी कहेंगे कि उनके लिए रोज़ी-रोटी सुनिश्चित कराएँ.’मायावती ने रैली में कहा, “आरएसएस के हेड बोल रहे हैं कि हिंदूओं को भी ज़्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए. मैं उन्हें ये कहना चाहती हूं कि वे नरेंद्र मोदी को भी बताएं कि हिंदू दो से ज़्यादा बच्चे तो पैदा कर लेंगे लेकिन क्या उनको ये रोज़ी रोटी दे पाएंगे.”इसके अलावा मायावती ने भाजपा पर दलित विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आरक्षण समाप्त कराना चाहते हैं और केवल उद्योगपतियों के हित में काम कर रहे हैं.गौरतलब रहें कि शनिवार को आगरा में एक कार्यक्रम के दोरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दुओं से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील करते हुए कहा था कि कोई ऐसा क़ानून है जिसमें कहा गया है कि हिंदुओ जनसंख्या घटाओ, ऐसा तो कुछ नहीं है. बाक़ी लोगों की(जनसंख्या) क्यों बढ़ रही है, आप की क्यों नहीं बढ़ती…”
भगवा झंडा फहराने की निति बना रही बीजेपी,कर रही उत्तर परदेश में छल।
मुरादाबाद।बसपा नेताओं ने कहा कि भाजपा और सपा मिलकर अवाम को छल रही है। भाजपा हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाकर देश में भगवा ध्वज फहराना चाहती है। जबकि प्रदेश की सपा सरकार भाजपा की अंदरखाने समर्थन करती है।ठाकुरद्वारा के स्वास्तिक मैरिज हाल में आयोजित कैडर कैंप के मुख्य अतिथि जोन काआर्डिनेटर एवं पूर्व विधायक ग्रीशचंद ने कहा कि मुलायम सिंह के घर शादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होते हैं। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस मुख्यिा मोहन भागवत भी शिकरत करते हैं। बाहर से मुलायम सिंह समाजवादी का चोला पहनकर मुस्लिमों को छलकर प्रदेश में राज करते हैं। भाजपा गौरक्षा के नाम पर पहले मुसलमानों को प्रताड़ित करती थी। अब दलितों को भी निशाना बनाया जा रहा है। दोनों सरकारों से जनता आजिज आ चुकी है। बसपा प्रत्याशी विजय यादव ने कहा कि विकास के लिए आपस में भाईचारा जरूरी है। उन्होंने हिंदू मुस्लिम से भेदभाव मिटाकर बसपा को मजबूत बनाने की अपील की है। इसमें जिलाध्यक्ष रणविजय सिंह, मंडल कोआर्डिनेटर पूजन प्रसाद, मुंशीराम कश्यप, कांठ प्रत्याशी नासिर कुरेशी, अर्जुन सागर, यसवीर सिंह, संजय यादव, रामपाल गौतम, पूर्व प्रधान मोहब्बत अली, शहादत हुसैन, शमीम अंसारी, नन्हे अंसारी, बबलू यादव, डा. मोहम्मद नबी आदि थे।
शबनम और सलीम पर लटकी फासी की तलवार,दया याचिका को किया गया ख़ारिज
अमरोहा।प्यार की खातिर अपने मां-बाप सहित परिवार के 7 लोगों की हत्या करने वाली शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने ख़ारिज कर दिया । शबनम ने अपने बेटे का हवाला देते हुए फांसी की सजा माफ़ करने के लिए दया याचिका दी थी। पिछले साल सितम्बर में यूपीके गवर्नर राम नाईक ने भी शबनम की दया याचिका याचिका ख़ारिज कर दी थी ।शबनम और उसके प्रेमी सलीम को 15 जुलाई 2010 को अमरोहा के तत्कालीन जिला जज एए हुसैनी ने दोनों कोफांसी की सजा सुनाई थी । जिसके बाद दोनों की फांसी की सजा को हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था । मई में अमरोहा की कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया था. जिसके बाद उसने अपने बेटे ताज मोहम्मद का हवाला देते हुए माफ़ी की मांग की थी । लेकिन जब अब उसकी दया याचिका ख़ारिज हो चुकी है उसके बाद अब शबनम को फांसी दी जाएगी ।उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली शबनम पर आरोप है कि उसने 14 अप्रैल 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर रात में मां-बाप, दो भाइयों, दोनों भाभियों, फुफेरी बहन और सात महीने के भतीजे की हत्या कर दी थी ।पेशे से शिक्षामित्र रही शबनम का सलीम नामक एक युवक से अफेयर चल रहा था लेकिन उसके घरवाले दोनों के प्यार के खिलाफ थे । जिसके बाद शबनम यह खौफनाक कदम उठाया। जिस समय शबनम में इस वारदात को अंजाम दिया उस समय वह प्रेग्नेंट थी । उसके बाद उसने जेल में ही बेटे को जन्म दिया ।
मस्जिदुल अक्स को बचाने के लिए अरब और इस्लामी जगत सामने खड़ा हो।
मस्जिदुल अक़्सा को आग लगाने की 47वीं बरसी पर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुटों ने इस पवित्र स्थल को बचाने पर बल दिया है।अलआलम के अनुसार, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुटों ने मस्जिदुल अक़्सा को यहूदी रंग देने की ज़ायोनी शासन की नीति के तहत इस पवित्र स्थल पर हमलों की भर्त्सना की। स्वशासित फ़िलिस्तीन की संसद में क़ुद्स मामले के प्रमुख अहमद अबू हलबिया ने कहा कि ज़ायोनी, मस्जिदुल अक़्सा के चारों ओर सुरंग खोदने के बावजूद अभी भी अपने लक्ष्य तक नहींपहुंच सके हैं। फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद आंदोलन के नेता अहमद मुदल्लिल ने कहा कि प्रतिरोध को जारी रखने और अतिग्रहणकारियों को मस्जिदुल अक़्सा, क़ुद्स और पश्चिमी तट में पराजित करने में ही फ़िलिस्तीनियों का हित है।हमास के प्रवक्ता सामी अबू ज़ोहरी ने कहा कि आज मस्जिदुल अक़्सा में आग लगाने की बरसी का दिन अरब व इस्लामी जगत को यह संदेश देता है कि वह अतिग्रहणकारियों के अपराध के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनियों के प्रतिरोध को मज़बूत करने और मस्जिदुल अक़्सा को बचाने के लिए उठ खड़ा हो। हमासकी सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन क़स्साम ने भी रफ़ह में एक समारोह में सैन्य परेड आयोजित कर प्रतिरोध की अहमियत को प्रदर्शित किया।
आखिर किसको लगता है ओवेशी से डर, जो नहीं मिल पाती उ.प में रैली की अनुमति।
कानपुर।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आज जबरदस्त फटकार लगाते हुए सांसद और एमआईएम मुखिया असदउद्दीन ओवैसी को रैली की इजाजत ना देने पर हलफलामा दाखिल करने को कहा है। इसके लिए कोर्ट ने सरकार को दो हफ्ते का समय दिया है।कोर्ट ने कहा है कि जब सभी राजनैतिक पार्टियों को रैलियां करने की मनाही नहीं है. तो ओवैसी को रैली या कोई भी जनसभा करने से क्यों रोका जाता है ? एमआईएम लीडर सय्यद अयाज़ ने UPUKLive को बताया कि कोर्ट ने सरकार के इस तरह के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए पूछा है कि आखिर ओवैसी के कार्यक्रमों से कानून व्यवस्था को किस तरह का खतरा हो सकता है।गौरतलब है कि ओवैसी को पिछले कई सालों से यूपी में रैली करने की इजाजत नहीं मिल रही थी। जिसके चलते ओवैसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जनसभा करने की इजाजत मांगी है। हालांकि अभी कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्षमुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस नहीं दिया है।
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