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Saturday, 13 August 2016

जबरन पढ़ाई गई कुरान,स्कूल में राष्ट्रगान को बताया इस्लाम विरोधी|

नई दिल्ली।  स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजस्थान में राष्ट्रगान 'जन गण मन' के अपमान का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान के निजी स्कूल में राष्ट्रगान को इस्लाम विरोधी बताया गयाहै साथ ही उसके गायन पर भी रोक लगाई गई है।टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक बाड़मेर जिले के मोलाना वलि मोहम्मद स्कूल में बच्चों को जबरन कुरान पढ़ने के लिए भी मजबूर किया गया है। कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने जांच के लिए एक टीम को स्कूल भेजा और स्वतंत्रता दिवस की तैयारी कर रहे बच्चों से पूछताछ की।हालांकि स्कूल प्रशासन ने इन आरोपों को गलत बताया है। हेडमास्टर मोहम्मद सिराज का कहना है कि जांच टीम को पिछले स्वतंत्रता समारोह की तस्वीरें भी जांच टीम को सौंपी गई हैं।

Rio: मिस्र के खिलाडी ने इजरायली खिलाड़ी से हाथ मिलाने से किया इंकार

नई दिल्ली।  दुनिया भर में फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजराइल के अमानवीय कार्यों की आलोचना हो रही हैं. इजराइल को इन आलोचनाओं का सामना रियो ओलंपिक में भी करना पड़ रहा है। शुक्रवार को ओलंपिक में जुडो खेल की प्रतियोगता के दौरान मिस्त्र के खिलाड़ी इल शेहाबी ने इजरायली खिलाड़ी ओरी सेशन से मैच खत्म होने के बादहाथ मिलाने से इंकार कर दिया. साथ ही उन्होंने मैच शुरू होने से पहले सामने वाले को झुककर किया जाने वाला अभिवादन भी नहीं किया। मिस्त्र और इजरायली खिलाड़ी 100 किलोग्राम में जुडो स्पर्धा में आमने सामने थे। इस मैच में इजरायली खिलाड़ी ओरी मिस्त्र के खिलाड़ी को हरा दिया मैच हराने के बाद जब ओरी सेशन इल शेहाबी से हाथ मिलाने गए तो उन्होने हाथ नहीं बढ़ाया और पीछेहट गए। गौरतलब रहें कि सऊदी अरब के खिलाडी ने भी इजराइल खिलाडी के साथ प्रतियोगिता में भाग लेने से इंकार कर दिया था और लेबनान के खिलाडियों ने इजराइली खिलाडिओं के साथ बस में सफर करने से मना कर दिया था।

मुसलमानों के 40 बच्चे पैदा करने पर सरकाररोक लगाये – साध्वी देवा ठाकुर

अपने बोलों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली साध्वी देवा ठाकुर ने बच्चे पैदा करने को ‌लेकर विवादित बयान दिया है। हिंदू महासभा की राष्ट्रीयउपाध्यक्ष साध्वी देवा ठाकुर ने सरकार से हिंदुस्तान में मुस्लिम समुदाय के लोगों के 40 बच्चे पैदा करने पर रोक लगाने की मांग की है। वह गांव डूमरखां कलां में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहीं थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिंदुओं और मुस्लिमों के लिए समान कानून की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज अपनी आबादी बढ़ाकर हिंदुओं पर राज करना चाहता है जो हिंदुस्तान के लिए खतरा बन सकता है।साध्वी देवा ठाकुर ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा।  उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हिंदुओं कीदेन है लेकिन मंदिर मुद्दे पर उसने हिंदुओं को ठगाहै। हिंदूवादी युवा वर्ग को ही राम मंदिर का निर्माण करना पड़ेगा। ठाकुर ने कहा कि हिंदुस्तानके लोग लालच वश ईसाई धर्म अपना रहे हैं जो हिंदू धर्म के लोगों के लिए अशुभ है। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार हर व्यक्ति के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है उसकी प्रकार अपनी सुरक्षा के लिए गन लाइसेंस भी जरूरी है।साध्वी ने देश में गोरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गऊओं की दशा काफी खराब है। उसके लिए सरकार और पुलिस प्रशासन दोनों जिम्मेवार हैं।इन्हीं की मिलीभगत से ही देश में गऊ माता को काटा जा रहा है। इस मौके पर उनके साथ इंडिया फाउंडेशन कैथल के जिलाध्यक्ष संदीप मटौर, राजीव ठाकुर, तेलूराम श्योकंद, रामभगत, कृष्ण कुमार, सुमित, जरनैल मटौर, रणबीर जींद, मेहर सिंह, युवा प्रधान बलिंद्र मटौर उपस्थित रहे।देशद्रोहियों को सरेआम गोली से उड़ा देना चाहिएसाध्वी देवा ठाकुर ने जेएनयू मामले पर भी विवादित बोले कहे। उन्होंने कहा कि जो लोग देश में रहकर पाकिस्तान समर्थित नारे लगाते हैं, ऐसे देशद्रोहियों को सरेआम गोली से उड़ा देना चाहिए। यह एक सोची समझी साजिश है। कन्हैया जैसे लोग तो एक कठपुतली हैं।ओवैसी को ललकारासाध्वी देवा ठाकुर ने एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को ललकारते हुए कहा कि अगर दम है तो हरियाणा में आकर हिंदुओं के खिलाफ बयानबाजी करें। उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे लोग ऐसे ही बोलते रहते हैं।

अगर ओवैसी चुनाव न लड़े तो, मुसलमानों का हाल होगा- धोबी का कुत्ता, घर का ना घाट का!

कानपुर।  जो लोग ये बोल रहे कि असदुदीन ओवैसी साहबके आने से मुस्लिम वोट बँट जायेंगे जिससे अखिलेश सरकार को नुकसान होगा और बीजेपी जीत जायेगी। मेरे भाई मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि जब MP (Memberof Parliament) के चुनाव हुये थे तब भी आपने बनारससे मुख़्तार अंसारी को चुनाव नही लड़ने दिया और कहा कि मुख़्तार अंसारी अगर बनारस से चुनाव लड़ेगा तो मोदी जीत जायेगा। मुख़्तार साहब चुनाव नही लड़े लेकिन मोदी (बीजेपी) फिर भी जीत गया।बीजेपी अपनी शक्ति MP के चुनावों में दिखा चुकी है-80 में से 73 सीट बीजेपी की थी! दोस्तों याद रखो अगर असद साहब यूपी में चुनाव नही लड़े तो भी बीजेपी राम मंदिर का मुद्दा उठाकर चुनावजीत ही जायेगी लेकिन फिर मुसलमानो की हालत वही होगी - धोबी का कुत्ता,घर का ना घाट का!हरयाणा में ओवैसी साहब नही गए फिर भीबीजेपी की सरकार,राजस्थान में ओवैसी साहब नही गए फिर भीबीजेपी की सरकार,मध्य प्रदेश में ओवैसी साहब नहीगए फिर भी बीजेपी की सरकार,कश्मीर में ओवैसी साहब नही गए लेकिन फिर भी बीजेपी मिली जुली सरकार बना गयी।और सबसे अहम; बिहार में तो असद साहब भी गए थे फिर क्यों बीजेपी की सरकार न बनी?इन सब से साबित होता है कि दिक्कत ओवैसी साहब से नही बल्कि मुस्लिम के सत्ता में आने में से है और अगर आपको अब भी AIMIM को वोट देने में दिक्कत है तो इक बार मुज़फ़्फ़रनगर दंगो का सच भी जान लीजिये।मुज़फ्फरनगर दंगा और आरोपी-"दोस्तों मुज़फ्फरनगर दंगो की जाँच करने वाली कमेटी विष्णु सहाय ने यूपीके राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप जा चुकी है जिसमे कहागया था कि स्थानीय नेताओं ने ही आग में घी डाला था।आयोग ने समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेताओं को दंगा कराने का आरोपी बताया है।-मुजफ्फरनगर में सितंबर 2013 में दंगे हुए थे। इन दंगों में सैंकड़ो से भी ज्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 50 हजार लोग बेघर होगए थे। जांच आयोग के अध्यक्ष और हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस बिष्णु सहाय ने बुधवार को राज्यपालराम नाइक से राजभवन में मुलाकात कर न्यायिक जांच रिपोर्ट सौंपी। न्यायमूर्ति विष्णु सहाय द्वारा 775 पन्नों की रिपोर्ट दी गई है। राज्यपाल द्वारा जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समुचित कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी। गैरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय को दंगों की जांच के लिए अखिलेश सरकार ने आयोग का मुखिया बनाया गया था।"-सर्दी में ठण्ड की वजह से कैंप में जब बच्चे मर रहे थे तब सपा हुकूमत बोलती है कि "अगर ठण्ड से बच्चे मरते तो साइबेरिया में सबमर जाते"ये है इन जालिमो की हुकूमत।-मैं तुमसे पूछता हूँ कि कहाँ मरगया है तुम्हारा जमीर,,,क्या तुम्हारे जमीर को उम्मत ए रसूल की माँओ की सूनी गोद नही दिखती?क्या तुमको बेवाओं के आँसू नजर नही आते?क्या मुस्लिम ख्वातीन की लुटती इज्ज़तों की चीखे तुम्हारे कानो में नही पड़ती?-अरे शर्म करो उम्मत ए मोहम्मदी, शर्म करो।इसी हुकूमत में आका की शान में गुस्ताखी हुई क्या हुआ कमलेश का? कमलेश को फाँसी हुई क्या?आप बीजेपी के डर से मजलिस को वोट नही दे रहे हो, क्या यही है इस्लाम मजहब। याद रखो "मुसलमान अल्लाहके सिवा किसी से डरता नही...जो डरता है वो मुसलमान ही नही"! क्यों डरते हो भाई। याद रखो तुम्हारी ये बुजदिली इक दिन तुम्हारे बच्चों के लिए मातम का सबबबन जायेगीअभी भी वक्त है इक होकर मजलिस का साथ दीजिये। हम 10 विधायक भी होंगे तो 100 पर भारी होंगे। खुदारा इक हो जाओ नेक हो जाओ। बीजेपी राममंदिर और गौरक्षा के बिनाह पर चुनाव जीत ही जायेगी। अगर बीजेपी जीत गयी तो आजम खान अपने घर से बहार भी नही आएगा। इस्लाम ये नही सिखाता कि लड़ने से पहले ही हार मान लो, इन्शाअल्लाह हम पूरी कोशिस करेंगे कि ओवैसी भाई रियासते उत्तर प्रदेश में कामयाब हो।आप सब भी अल्लाह से दुआ कीजियेगा कि ओवैसीसाहब उत्तर प्रदेश में कामयाब हो।(लेखक आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता हैं)

इंसानियत के इतिहास में सबसे बेहतरीन इंसान थे ‘पैगम्बर मोहम्मद': रानी मुखर्जी

लखनऊ/मुंबई।  दुनिया भर में इस्लाम और अल्लाह के बन्दों से नफरत करने वाले लोग पैगम्बर मोहम्मद का मज़ाक उड़ाने में या उनकी शान के खिलाफ लिखने, बोलने में जरा सा भी परहेज़ न करते हों लेकिन ऐसे लोगों कीभी जहाँ की कोई कमी नहीं है जिनका मजहब तो इस्लाम नहीं पर फिर भी दिल में नबी की तस्वीर और जेहन में उनकी कही बातों को रखते हैं।कुछ दिन पहले की ही बात है जब एक ऑस्कर अवार्डी अमेरिकन डायरेक्टर ने क़ुरान की आयतें एक बड़े फंक्शन में सुना कर सभी की आँखें नम कर दी थीं या यूँ कहें कि आँखें खोल दी थीं।इसके इलावा जानी मानी हॉलीवुड अदाकारा और मॉडल लिंडसे लोहान की भी तस्वीर सामने आई जिसे उन्होंने कुरान की आयत के लिख कर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया था।और अब बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा रानी मुखर्जी ने भी पैगम्बर मोहम्मद की शान में अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि “जहाँ तक मैंने पैगम्बर साहब की ज़िन्दगी और हरफ़ (शख्शियत) को समझा है उस से मैं यह कह सकती हूँ कि वो दुनिया के इतिहास के सबसे नेक दिल  और बेहतरीन इंसान थे“।

बीजेपी नेताओ ने की हद पुरे दिन घूमते रहे उल्टा तिरंगा लहराये।

नई दिल्ली।कभी-कभी सोचकर बड़ा अजीब लगता है कि कैसे-कैसे लोग देशभक्त होने का दावा करते हैं। ये कैसे देशभक्त है जिन्हें ये भी नहीं मालूम की देश का झंडा असल में है कैसा। इस तरह के लोग अकसर देखा-देखी या फिर दिखावे के लिए देशभक्त बन जाते हैं। असल में उन्हें देशभक्ति के बारे में कुछ पतानहीं और न ही उन्हें देश भक्ति से कुछ लेना देना है। ऐसे लोग बस जनता को बेवकूफ बनाना जानते हैं। लेकिन वो ये नहीं समझते कि 'ये पब्लिक है ये सब जानती है'याद करो कुर्बानी कार्यक्रम के तहत भाजपा की ओर सेरामगढ़ बानसूर में निकाली गई प्रभात फेरियों में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का मामला सामने आया है। रामगढ़ में कार्यक्रम का आयोजन भाजपा मंडल अध्यक्ष नंदराम गुर्जर की तरफ से किया गया। गोविंदगढ़ मोड़ स्थित भाजपा मंडल कार्यालय से आजादी की 70वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ प्रभात फेरी निकाली जानी थी। भाजपा कार्यकर्ता मंडल अध्यक्ष नंदराम गुर्जर मंडल कार्यालय पर पहुंच गए यहां उल्टा राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए मंडल अध्यक्ष नंदराम गुर्जर कार्यकर्ताओं के साथ मार्च करने में जुट गए।तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया सबसे नीचे हरा रंग होता है, जबकि यहां हरा रंग ऊपर और केसरिया रंग नीचे था। बताया जाता है कि प्रभातफेरी मार्च के दौरान मुख्य मार्ग से होकर जा रहे एक चौपहिया वाहनमें सवार किसी व्यक्ति ने उल्टा तिरंगा देखकर इन लोगों को टोका भी था। इसके बावजूद राष्ट्रीय ध्वज को सीधा नहीं किया गया। इसके बावजूद उल्टे तिरंगे के साथ किए जा रहे मार्च की फोटो स्वयं भाजपा मंडल अध्यक्ष नंदराम गुर्जर ने सोशल मीडिया पर डाल दी।वहीं इस पर नंदराम गुर्जर का कहना था कि मुझे पता नहीं था कि राष्ट्रीय ध्वज उल्टा है। मुझे किसी नेनहीं कहा कि हमने उल्टा ध्वज लगा रखा है। गलती से ऐसा हो गया। मैंने ही व्हाट्सअप पर फोटो डाल दी थी।भारत के राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है। बीच की पट्टी का सफेद धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है। निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। इस क्रम को किसी भी सूरत में नहीं बदला जा सकताहै। यदि झंडा किसी जुलूस या परेड में अन्य झंडों के साथ ले जाया जा रहा है तो झंडे को जुलूस के दाहिने ओर या सबसे आगे बीच में रखना चाहिए। तिरंगाका अपमान होने पर भारतीय ध्वज आचार संहिता 2002 राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा-2 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें 3 वर्ष की सजा या जुर्माने या फिर दोनों ही हो सकते हैं।

गोबर हैहर मर्ज का इलाज,गौ मूत्र से नहाते हैं यहां के लोग,

दक्षिणी सूड़ान की मुंदारी प्रजाति के आदिवासी गाय और बैलों से अटूट प्यार करते हैं और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। गाय की पूजा करना और उनकी देखभाल करना ही इनका एकमात्र काम है।मुंदारी जनजाति के लोग गौ मूत्र से नहाते है क्योंकि उन लोगों का मानना है कि ऐसा करने से उनके शरीर में कोई रोग नहीं होता। साथ ही त्वचा हल्के नारंगी रंग की हो जाती है जो कि उनके लिए अच्छा है।ये लोग इन्फेक्शन से बचने के लिए गाय से सीधा दूध निकालकर उसे पी लेते है।यहां गाय को भगवान की तरह पूजा जाता है। इनका मानना है कि गाय ही इनके जीवन को बचा सकती है इसलिएये लोग बकायदा बंदूक लेकर उसकी रक्षा करते हैं। हरसाल करीब 3,50,000 गाय और बैलों की चोरी होती है और इसके चलते 2500 लोग मारे जाते हैं। यहां की महिलाएं गाय के गोबर से बने उपलो को जलाकर बनाई गई राख को टेलकम पाउडर की तरह मुंह पर लगाती हैं।  इनका मानना है कि इससे त्वचा में निखार आता है।  गोबर की राख इनके जीवन का आधार है। इसी राख पर ये सोते है और बीमारियों में इसी राख से इलाज करते हैं। उन लोगों का मानना है कि सूडान की गर्मी से यहराख ही बचाती है। यहां एक गाय या एक बैल की कीमत करीब 500 डॉलर है। गाय और बैल को यहां वीर यौद्धा और जीवन रक्षक की तरह पूजा जाता है।

माँ बाप की ताकत बनी सलमा,दहेज़ मांगने वालो के खिलाफ दर्ज करायी रिपोर्ट।

दुल्हन बनने को तैयार बैठी एक बेटी अपने पिता की बेबसी देख कर इतनी टूट गई कि होने वाले पति के खिलाफ़ FIR दर्ज़ कराने पर मजबूर हो गई. साउथ दिल्ली के फतेहपुर बेरी में रहने वाले अब्दुल रज्ज़ाक ने अपनी तीनों बेटियों की एक साथ शादी करने की तैयारीकी थी. लेकिन शादी वाले दिन ही उनकी मंझली बेटी सलमा के होने वाले पति ने अचानक ही 5 लाख रुपए और एक SUV की मांग कर दी. बारात के स्वागत और बेटी की शादी की तैयारियों मेंमशगूल परिवार अचानक आई इस आफत से बुरी तरह घबरा गया. उन्होंने लाख मनाया, लेकिन लड़का मानने को तैयार नहीं था. रविवार को सलमा के साथ ही अन्य दो बहनों की भी बारात आनी थीं और ये भी उनके लिए एक चिंता का विषय था.शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक लड़की अपनी शादी वाले दिन पुलिस स्टेशन पहुंच जाएगी, लेकिन हालातों ने सलमा को ये करने पर विवश किया.टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थानके एक मदरसे से शिक्षा प्राप्त करने वाली सलमा Islamic Studies की स्टूडेंट थीं और बड़ी मस्जिद एरिया में बच्चों को Islamic Studies ही पढ़ाया करती थीं. उसके पिता 65 वर्षीय अब्दुल रज़्ज़ाक एक ट्रक ड्राइवर हैं और उन्होंने शादी का खर्च कम करने के लिए अपनी बड़ी बेटी सनोवर (22) और मुमताज़ (18) की शादी भी सलमा के साथ ही करने की तैयारी की थी. सलमा का रिश्ता यूपी पुलिस के एक अधिकारी के बेटे के साथ तय किया गया था, जो कानून की पढाई कर रहा है और सलमा के रिश्तेदारों की मानें तो अपने रुतबे को बढ़ाने के लिए उसने SUV और 5 लाख रुपए की मांग की थी.रज़्ज़ाक ने बताया कि शादी फिक्स होने के बाद लड़के को 2.5 लाख रुपए और एक सोने की अंगूठी तोहफ़े के रूपमें दी थी, लेकिन शादी वाले दिन वो फिर से पैसे और बड़ी गाड़ी की मांग करने लगा.शादी की तैयारी में अपने सारे पैसे खर्च कर चुके रज़्ज़ाक के लिए ये बेहद मुश्किल हो गया. उनकी पत्नी ने भी अपने एक कज़िन को चुपके से लड़के वालों से मिलने और उन्हें समझाने को भेजा. वो बताती हैं कि मैंने कहलवाया कि हम उन्हें छोटी गाड़ी जैसे Wagon-R और 1.5 लाख रुपए दे पाएंगे, लेकिन इस पर भी वो राज़ी नहीं हुए.अपनी बेटी सलमा की भी परवाह उन्हें थी, लेकिन सारी कोशिशें नाक़ाम रहीं और पुलिस की मदद लेनी पड़ी और परिवार ने FIR दर्ज़ करा दी. सलमा कहती हैं कि 'हमारे कल्चर में शादी से पहले मिलने-जुलने की इजाज़त नहीं होती, मैं दुखी हूं कि ऐसा हो गया लेकिन खुश भी हूं कि शादी से पहले जो होना था हुआ. नहीं तोवे शादी के बाद हम लोगों के साथ जाने कैसा व्यवहार करते.'हालांकि अब तक पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है, लेकिन मंगलवार को लड़के के घर पुलिस पहुंचेगी ऐसा लड़की के परिवार से कहा गया है.

हिजाब की वजह से मुस्लिम महिलाओ से होता है भेदभाव:ब्रिटेन

लंदन।ब्रिटेन में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं को नियमित तौर पर नौकरी पर रखे जाने को लेकर या कार्यस्थल पर नजरंदाज किये जाने का सामना करना पड़ता है. श्वेत ईसाई महिलाओं की तुलना में इस समुदाय की 71 प्रतिशत महिलाओं के बेरोजगार रहने की अधिक संभावना रहती है.द हाउस आफ कामंस की ‘वुमन एंड इक्वैलिटीज कमेटी’की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश समाज में मुस्लिम महिलाएं सबसे अधिक वंचित समूह हैं और असमानताओं से निपटने के लिए वर्ष के अंत से पहले सरकार की एक नयी योजना की जरूरत है.समिति ने कहा कि ब्रिटेन में कई मुस्लिम महिलाओं को अपनी नौकरी की संभावनाओं पर ”तिहरी मार” झेलनी पड़ती है जिसमें महिला होना, एक जातीय अल्पसंख्यक होना और एक मुस्लिम होना शामिल है.‘ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिये रोजगार अवसर’ शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया, ”मुस्लिम महिलाओं पर मुस्लिमों के प्रति पूर्वाग्रह के प्रभाव को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए. ईसाई श्वेत महिलाओं कीतुलना में उनके बेरोजगार रहने की संभावना 71 प्रतिशत अधिक है, चाहे उनकी शैक्षिक योग्यता और भाषाई कौशल एक जैसा हो.’

चोथे जुमे की भी नमाज़ पर भी बरक़रार है प्रतिबंध्:बहरीन

बहरैन में एक बार फिर आले ख़लीफ़ा शासन ने सबसे बड़ी नमाज़े जुमा के आयोजन को रोक दिया। अल-आलम टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़, शुक्रवार को बहरैनी सुरक्षा बलों ने लगातार चौथे हफ़्ते इमाम सादिक़ मस्जिद में नमाज़े जुमा का आयोजन रोक दिया।आले ख़लीफ़ा शासन के इस फ़ैसले के विरोध में राजधानी मनामा के पश्चिम में लोगों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। बहरैनी नागरिकों ने आले ख़लीफ़ा शासन के इस फ़ैसले की निंदा करते हुए उसके ख़िलाफ़ नारे लगाए। प्रदर्शनकारी नमाज़ी हाथों में अपने धार्मिक नेता आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम की तस्वीरें हाथों में उठाए हुए थे।

कश्मीरी मुस्लिम थे बटवारे के खिलाफ,आज उन्हें है देश प्रेम की ज़रूरत

नई दिल्ली।कांग्रेस नेता और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाब नबी आजाद ने कश्मीर के लोगों को समझने की अपील की है। उनका कहना है कि कश्मीर कोप्यार की जरूरत है जो भारत चाहे तो उसे दे सकता है।उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद जहां दुनिया के कई राज्यों के मुसलमान जिन्ना की दो राष्ट्र की बात का समर्थन करते हुए अपना घर छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे तब ये कश्मीरी मुसलमान ही थे जो अपना घर छोड़कर पाकिस्तान नहीं गए। तो आज वहां ऐसे हालात क्यों बने हुए हैं। कश्मीर के लोगों को प्यार से समझने की जरूरत है। मोदी सरकार को मनमोहन सरकार केवक्त बनाई गई रिपोर्ट पर काम करना चाहिए। उससे कश्मीर की समस्या का सामाधान निकाला जा सकता है।’जम्मू-कश्मीर में हिजुबल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा लगातार जारी है। वहां कर्फ्यू को लगे एक महीने से ज्यादा हो गया है। राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर मानसून सेशन मेंदो बार चर्चा हो चुकी है। चर्चा के दौरान गुलाम नबी आजाद ने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। तब चर्चा शुरू करते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करवाए जाने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह का धन्यवाद किया था।उन्होंने कहा था कि दलित मुद्दे पर हमने संसद में प्रधानमंत्री का बयान नहीं सुना, उनका व्यू हमें तेलंगाना में सुनने को मिला। हम मांग करते हैं कि पीएम मोदी संसद में कश्मीर और दलित मुद्दे पर बयानदें। उन्होंने कहा कि कश्मीर से सिर्फ उसकी खूबसूरती के लिए प्यार नहीं करें, कश्मीर से उसकी जनता के लिए प्यार करें, उन लोगों और बच्चों से प्यार करें जिन्होंने प्रदर्शन में अपनी आंखें गंवाई।

हॉलीवुड के स्टार ने दिया ट्रम्प को करारा जवाब,इस्लाम है शांति प्रथा वाला धर्म।

नई दिल्ली।  हॉलीवुड स्टार विल स्मिथ ने डोनाल्ड ट्रम्प की अमेरिका में मुसलमानो पर रोक लगाने की नीति को गलत ठहराते हुए ट्रम्प की जमकर आलोचना की है। आपको बतादे विल स्मिथ की इन दिनों एक फिल्म आ रही है जिसके प्रमोशन के सिलसिले में दुबई आय विल स्मिथ ने मिडिया से बात करते हुए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से आगामी चुनावो में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रम्प दुआरा अमेरिका में मुसलमानो के प्रवेश पर बैन की नीति गलत बताते हुए कहा यह सब अमेरिका जैसे मुल्क में सुनने को मिल रहा है यह बहोत ही शर्मनाक है। आगे उन्होंने कहा की मुसलमानो को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की निंदा की और कहा इस्लाम शांति का पैगाम देने वाला मज़हब है. बल्कि हर मज़हब शांति का पैगाम देता है।

एंकर ने दिया विवादित वयान,मुस्लिम है आतंक की जड़।

ऑस्ट्रेलिया की टीवी प्रेजेंटर सोनिया क्रूगर की मुस्लिमों पर टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया की सीमा मुस्लिमों के लिए बंद कर देनी चाहिए। क्रूगर ने कहा कि प्रवासियों के मुद्दे पर अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप के विचारों से वह सहमत हैं कि मुस्लिम प्रवासियों की एंट्री बैन कर देनी चाहिए।एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार चैनल नाइन के टॉक शो 'द वॉइस' और 'टुडे एक्स्ट्रा' में फ्रांस की नीस सिटी में हुए नरसंहार पर बहस हो रही थी। इसी बहस केदौरान सोनिया ने कहा कि वह हेरल्ड सन के कॉलमिस्ट एन्ड्र्यू बोल्ट के विचारों से सहमत हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि जितनी ज्यादा संख्या में मुस्लिमों को जगह देंगे उतने ही खतरों को बुलाएंगे।'सोनिया ने कहा, 'मैं निजी तौर पर सोचती हूं कि एन्ड्रयू बोल्ट ने जो कहा उसे यहां रखना चाहिए। देश में मुस्लिमों की आबादी और आतंकवादी हमले के बीच कुछ न कुछ संबंध तो है। मेरे कई अच्छे मुस्लिम दोस्त हैं। वे शांतिप्रिय हैं। वे बेहद खूबसूरत सोच वाले हैं लेकिन मैं यहां धर्मान्ध लोगों की बात कर रही हूं। निजी तौर पर मैं चाहती हूं कि ऑस्ट्रेलिया में इन्हें रोका जाए। मैं सुरक्षा चाहती हूं और अभिव्यक्ति की आजादी चाहती हूं।' चैनल नाइन ने सोनिया का समर्थन करते हुए कहा है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी की समर्थन करता है।क्रूगर ने बोल्ट के दावों का समर्थन करते हुए कहा, 'मुस्लिम माइग्रेशन के कारण फ्रांस में आतंक के लिए दरवाजा खुला हुआ है। जापान में मुस्लिम प्रवासी नहीं हैं इसलिए वहां कोई आतंकी हमला नहीं होता। मैं सभी नागरिकों के साथ खुद को सुरक्षित रखना चाहती हूं ताकि हम बेखौफ होकर ऑस्ट्रेलिया डे मना सकें।'हालांकि इसी टॉक शो में टुडे एक्स्ट्रा में एक को-होस्ट ने सोनिया की बात पर आपत्ति दर्ज कराई। डेविड कैम्पबेल ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी में धर्म की आजादी भी निहित है। हम दोनों को अलग नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि बोल्ट का आर्टिकल नफरत फैलाने वाला है। क्रूगर ने कहा कि यदि आप नीस के पीड़ितों से बात करेंगे उन बच्चों के पैरंट्स हमारे विचारों से सहमत दिखेंगे।

जबरदस्ती होती है हिन्दू लड़कियो की शादी,कराया जाता है इस्लाम कबुल।

नई दिल्ली।  पाकिस्तान की 20 करोड़ की आबादी में सिर्फ 10 फीसदी गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं. जिसमें से ज्यादातर हिंदू हैं. पाकिस्तान सरकार और फौज के लिए वहां के हिंदू किसी जानवर की तरह हैं. जिन पर जुल्म ढाने में पाकिस्तान अपनी शान समझता है। आजतक की एक खबर के मुताबिक गुरुवार को पाकिस्तान में अल्पसंख्यक दिवस मनाया गया. तो पाकिस्तान के हर शहर में हिंदू आबादी सड़कों पर उतर आई. और खुद पर हो रहीं ज्यादतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगी. प्रदर्शनों में हिंदू आबादी का दर्द फूट पड़ा,पाकिस्तान की गली-गली और शहर शहर में इन दिनों हिंदुओं का गुस्सा उबाल पर है. इस गुस्से के केंद्र बिंदु में हैं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पूर्व सांसद पीर अब्दुल हक. जिन्हें पाकिस्तान में मियां मिट्ठू के नाम से भी जाना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक माना जाता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का ठेका इन्ही मियां मिट्ठू ने उठाया हुआ है. मियां मिट्ठू को हिंदुओं और खासकर हिंदू लड़कियों का अपहरण करवाकरउनका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने में महारत हासिल है. उनके खिलाफ 117 मामले दर्ज हैं। मियां मिट्ठू जैसे लोग कैसे पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं. उसकी असलियत खुद वहां की मीडिया दुनिया के सामने लाती आई है. पाकिस्तान में हिंदू होना और उसपर भी हिंदू लड़की होना कितना बड़ा खतरा है, ये किसी से छिपा नहीं है. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए बताया की अगर मुल्ला का बस चले तो ये जानवरों को भीइस्लाम कुबूल करवा दें. इनकी कट्टरता की वजह से ही पाकिस्तान पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है।

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