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Monday, 15 August 2016

पीएम के बयान से नाराज हिंदू संगठन करेंगे प्रदर्शन, माेदी की फोटो पर चढ़ाएंगे गोमूत

नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गौ-रक्षकों में से अस्सी फीसदी गौरक्षकों को फ़र्ज़ी बताने के बयान से नाराज गौ रक्षा दल, राजस्थान 19 अगस्त को राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करेगा । इतना ही नहीं गौरक्षा दल के कार्यकर्त्ता पीएम् मोदी के फोटो पर गौमूत्र भी चढ़ाएंगे । संगठन की मांग है कि प्रधानमंत्री गौरक्षकों को फ़र्ज़ी वाले अपने ‘बयान पर सबूतों के साथ सफाई पेश करें ।गौ रक्षा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाबूलाल जहांगीर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ”भारत में करीब 100 करोड़ हिंदू हैं और वे सब गाय की रक्षा करना चाहते हैं। तो प्रधानमंत्री के हिसाब से, 70-80 करोड़ हिंदू फर्जी हैं। चूंकि पीएम ने ऐसा दावा किया है, हम जानना चाहते हैं कि किस एजेंसी ने यह सर्वे किया है।”गौ रक्षा दल के नेतृत्व में इसी तरह की मानसिकता वाली संस्थाओं ने रविवार को जयपुर के रोटरी क्लब में बैठक की। बैठक में गौ-रक्षा, सुरक्षा और पूरे देश में गो-हत्या पर बैन पर चर्चा हुई। इस बैठक मेंविश्व हिंदू परिषद, गौ क्रांति मंच, गौ सेवा समिति जैसी संस्थाओं के लोग मौजूद रहे।केन्द्र सरकार की तरफ से MyGov कार्यक्रम की शुरुआत के दो साल पूरा होने पर दिल्ली के टाउन हाल में आयोजित बैठक में पीएम ने गौ-रक्षा के नाम पर हिंसा पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था, ”मैं राज्य सरकारों ने ऐसे लोगों (गौ-रक्षकों) पर डॉजियर तैयार करने को कहूंगा। इनमें से करीब 70-80 फीसदी लोग ऐसे असामाजिक कार्यों में लिप्त मिलेंगे जिन्हें समाज स्वीकार नहीं करता।” पीएम ने ऐसे लोगों को ‘एंटी-सोशल’ बताते हुए कहा था कि ये लाेग गौ-रक्षा के नाम पर अपनी ‘दुकानें’ चला रहे हैं।गौ रक्षा दल के राज्य महासचिव प्रदीप सिंह राठौड़ ने कहा, ”हमारी जिला इकाइयां कुछ कलेक्ट्रेट्स पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नाम एक मेमारेंडम सौंपेंगी। जब एक और मेमारेंडम स्थानीय लोकसभा सांसद को भेजा जाएगा, जो कि पीएम के लिए होगा। हर सांसद को एक मैनिफेस्टो पर साइन करने होंगे कि वह भारत में गौ-हत्या पर प्रतिबंध की मांग का समर्थन करता है और इस संबंध में संसद में एक विधेयक लाए जाने पर वह उसके पक्ष में वोट करेगा।”फिलहाल केरल, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में गौ-हत्या पर रोक नहीं है। बाबूलाल जहांगीर ने बताया, ”हम राज्य स्तरीय प्रदर्शन में प्रधानमंत्री की फोटो पर गो-मूत्र छिड़केंगे।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अगले साल गुजरातऔर उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों के मद्देनजर यह बयान दिया है।

जान का जोखिम डाल कर मुस्लिम युवकों ने डूबती गाय को बचाया

श्योपुर, मप्र। शनिवार दोपहर श्योपुर से 12 किमी दूर स्थित अमराल नदी पर बने नैरोगेज रेल पुल पर खड़े लोगों को नदी के तेज़ भंवर में बह रही एक गाय दिखाई दी तो वहां मौजूद 5 युवको ने साहस कर नदी मेंछलांग लगा दी  और कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया। खास बात यह है कि दांतरदा खुर्द निवासी सभी युवक मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। गाय को सुरक्षित बाहर निकालने वाले फिरोज खान, राजू खान, इदरीश मोहम्मद और जिशान गाय को बचा बेहद खुश है। इन मुस्लिम युवाओं के साथ मौजूद एक ग्रामीण ने कहाकि जीव किसी जाति धर्म का नहीं सभी का होता है, गाय हमारे लिए भी उतनी ही पूजनीय और उपयोगी है जितनी हिन्दुओं के लिए। गाय हमें भी दूध देती इसलिए गाय हमारी भी माता है।

दलितों-मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा फैला रहेगौरक्षकों के पर कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र और कुछ राज्यों को उन तथाकथित गौरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश देने की मांग की गई है जो दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित तौर पर हिंसा फैला रहे हैं।कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन एस पूनावाला की इस जनहित याचिका में कहा गया है कि इन ‘‘गौरक्षा समूहों’’ की तरफ से की जा रही हिंसा इस हद तक पहुंच गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों इन लोगों को ‘‘समाज का विनाश करने वाले’’ लोग घोषित कर दिया।याचिका में आरोप लगाया गया है कि ये समूह गायों और अन्य गौवंशों की रक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों पर ज्यादती कर रहे हैं और सामाजिक सद्भाव, जन मूल्यों और देश में कानून और व्यवस्था के हितों के लिए इन्हें नियमित करने और इन पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है।इस याचिका में कहा गया है ‘‘इन तथाकथित गौरक्षक समूहों का खतरा देश के लगभग हर कोने में है और विभिन्न समुदायों और जातियों के बीच वैमनस्य पैदाकर रहा है.’’ याचिका में कहा गया है कि इन तथाकथित गौरक्षा समूहों की ओर से सोशल मीडिया पर अपलोड की गई कथित ‘‘हिंसक सामग्री’’ को हटाए जाने का आदेश भी दिया जाए।

गुलाम कश्मीर में मनाया गया भारत का स्वतंत्रता दिवस

नई दिल्ली।पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। यहां कोई समारोह नहीं हुआ लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने भारत के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट कीं। एक मासूम बच्चे ने अपने हाथों पर तिरंगा लगाया और लिखा I LOVE INDIA. यह तस्वीर ट्विटर पर वायरल हो रही है। इतना ही नहीं 14 अगस्त को पाकिस्तान के आजादी दिवस पर यहां के लोगों ने काला दिवस भी मनाया।भारत के स्वतंत्रता दिवस के जश्न का असर बलूचिस्तान में दिख रहा है। एक बलूचिस्तानी महिलाबनुक जरीना बलोच ने ट्विटर एक तस्वीर साझा कर इसकासबूत भी दिखाया। उन्होंने एक बच्चे के हाथ की तस्वीर ट्वीट की है जिसमें तिरंगा बना हुआ है और इस पर लिखा है, आई लव इंडिया। इस बच्चे के नाखूनों पर भी तिरंगा रंगा हुआ है।बलूच नेता का ये ट्वीट बताता है कि बलूचिस्तान मेंलोग भारत को किस नजर से देख रहे हैं। यहां के तमाम नेता पाकिस्तान के जुल्म के खिलाफ भारत से सीधे दखल देने की मांग करने लगे हैं।

हुज़ूर मोहम्मद S.a.w के नाम लिखे सिक्के मिले,पुलिस ने लिए कब्ज़े में।

महराजगंज।कोठीभार थाना अंतर्गत ग्राम कटहरी कला में ग्राम प्रधान के भाई द्वारा अपने हिस्से की जमीन मे शौचालय बनवाने के लिए की जा रही खुदाई में मिट्टी के बर्तन में रख्खे लगभग 80 सिक्के मिले। ये मिले सिक्के ताँबे के है। इस पर एक तरफ उर्दू में मुहम्मद साहब और दूसरी तरफ ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह लिखा हुआ है। खुदाई के दौरान सिक्के मिलने की सुचना मिलते ही कोठीभार पुलिस मौके पर पहुँच सिक्के को अपने कब्जे में ले कर थाने उठा ले गयी।  इस सन्दर्भ में सब इंस्पेक्टर कन्हैया पाण्डेय ने कहा की इस सिक्के को कोषागार में जमा करा दिया जायेगा। ऐसे किसी भी पुरातन सामान मिलने पर अगर कोई चोरी से छुपा लेता है तो अपराध की श्रेणी में आएगा।

KFC का चिकन है मुसलमानो के लिए हराम:दरगाह आला हज़रत।

बरेली।  दरगाह आला हजरत बरेली ने KFC रेस्टोरेंट के चिकन को हराम करार दिया है. दरगाह के प्रवक्ता और मुफ्ती ने मुसलमानों को केएफसी का नॉनवेज खाने से बचने की हिदायत दी है। कंपनी के रेस्टोरेंटों में हलाल नॉनवेज न देने का मामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद उलेमा नेयह फतवा जारी किया है।  दरगाह आला हजरत के मुफ्ती सलीम नूरी ने बताया कि जानकारी मिली है कि केएफसी में नॉनवेज के नाम पर मुसलमानों को बिना हलाल का चिकन दिया जा रहा है. शरीयत के हिसाब से ऐसे नॉनवेज खाना हराम है. इसलिए मुसलमानों को ऐसे नॉनवेज से बचना चाहिए।

मस्जिदों से भी नहीं अछूता रही योमे आज़ादी,लाऊड स्पीकर पर दी गयी मुबारकबाद।

आगरा।तंजीम उलेमा अहले सुन्नत की पहल के बाद शहर की सभी मस्जिदों से यौमे आजादी (स्वतंत्रता दिवस) की मुबारकबाद दी गई। फज्र की नमाज के बाद मस्जिदोंसे लाउडस्पीकर्स से यौमे आज़ादी की सभी को मुबारकबाद पेश की गई। मुफ्ती मुदस्सिर खान, मौलानामसरूर रज़ा कादरी, हाफिज आलम, मौलाना अब्दुल रहमान कादरी, हाफिज रियासत इस मुहिम में शामिल रहे। शहर की तमाम मस्जिदों व मदरसों में तिरंगा फहराया गया।  कई मदरसों की ओर से रैली भी निकाली गयी।

आज़ादी नही है किसी इक की,राहुल गांधी ने फेहराया पहली बार तिरंगा।

नई दिल्ली।दलितों पर हाल ही में हुए हमलों के मद्दनेजर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि आजादी कभी भी केवल चुनिंदा लोगों के लिए नहीं हो सकती. उन्होंने देशवासियों से ऐसे देश की अभिलाषा रखने को कहा जहां घृणित और हीन ताकतें विचारों को ‘हिंसक रूप से नहीं कुचल सकें.’’स्वंतत्रता दिवस पर अपने संबोधन मेंराहुल ने कहा, ‘‘जब अनैतिक ताकतें हममें से कुछ की आजादी के लिए खतरा पैदा करती हैं, जैसा कि हाल के दिनों में हमने देखा भी है, तब हमें याद रखना चाहिए कि आजादी केवल कुछ लोगों के लिए ही नहीं हो सकती..यह सबके लिए होनी चाहिए. भारत के हर व्यक्ति को आत्मसम्मान, जीने और खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने की आजादी और अधिकार होना चाहिए.’’राहुल ने कहा कि भारतीयों को ऐसे देश की अभिलाषा रखने का अधिकार है जहां कोई भी खौफ में नहीं जीता हो और ‘‘जहां विचार का मुक्त प्रवाह हो और जहां उन्हें घृणा और हीनता की ताकतें हिंसक रूप से कुचलती नहीं हों. हमें सच्चाई पर जोर देना चाहिए और सच्चाई के लिए हमेशा लड़ते रहना चाहिए.’’ राहुल ने तीन साल पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष पद का प्रभार संभाला था तब से लेकर यह पहली बार है जब उन्होंने पार्टी मुख्यालय में तिरंगा फहराया है.पार्टी कार्यालय में आमतौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही तिरंगा फहराती हैं. उन्हें एक निजी अस्पताल से कल ही छुट्टी मिली है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी मौजूद थे.राहुल ने कहा कि जिस पीढ़ी ने हमें आजादी दिलाई है, वे लोग आज हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनकी ओर से दिया गया संविधान का बहुमूल्य तोहफा हमारे पास है.उन्होंने कहा, ‘‘इसमें वे मूल्य, आदर्श और सिद्धांत शामिल हैं जिनके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी और जिनके बारे में उनका मानना था कि ये हमारे साहसी युवा देश का मार्गदर्शन करेंगे.’’

बुरखा पेहेन कर मुस्लिम महिलाओ ने उठाई कावर, नारे भी लगाये।

इंदौर।मध्यप्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में श्रावण मास के मौके पर रविवार को निकली साझा संस्कृति कांवड़ यात्रा में सांप्रदायिक सद्भाव की झलक देखने को मिली। इस कांवड़ यात्रा में हिंदूपुरुष-महिलाओं के साथ जयकारों में बुर्का पहने मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हुईं।इंदौर में साझा संस्कृति कांवड़ यात्रा रविवार कोलगातार दूसरी बार निकाली गई, यहां कांवड़ यात्रा रविवार की दोपहर को गांधी हॉल क्षेत्र से पूरे धार्मिक पूजन पाठ के बाद शुरू हुई। इस कांवड़ यात्रा के दौरान गीतों पर लोग थिरक भी रहे थे। इस यात्रा में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बुर्के पहने और कंधे पर कांवड़ रखकर चल रही महिलाएं थीं।

मोदी का हर वचन बना संघ का सविधान,तोगड़ियां फंस गए

नई दिल्ली।इन दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर बयान ही संघ का संविधान बन रहा है। चाहे संघ की अपनी विचारधारा ही खंडित क्यों ना हो रही हो। गो रक्षा के मामले में ऐसा ही हो रहा है। विश्व हिन्दु परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने बयानदिया तो उन्हें अलग थलग कर दिया गया। संघ का शीर्ष नेतृत्व उनसे नाखुश है।उनका मानना है कि तोगड़िया ने खुद को प्रासंगिक बनाने के लिए ऐसा बयान दिया है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि तोगड़िया ने 70 फीसदगोरक्षकों पर सवाल उठाने और राज्यों को उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जारी केंद्र सरकार के एडवाइजरी को हिंदू समुदाय के खिलाफ बताया था। संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा,"प्रधानमंत्री ने पहले ही दिन कहा था कि मुट्ठी भर लोग ऐसे हैं जो ताना बाना बिगाड़ रहे हैं। संघ का भीमानना है कि इसके लिए जो जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।"जाहिर है कि संघ प्रधानमंत्री के वक्तव्य के साथ है। भाजपा के एक नेता ने भी प्रधानमंत्री की लाइन पर ही राज्यों से अपील की कि कोई कानून तोड़ता है तोउसके खिलाफ कार्रवाई करना न सिर्फ राज्यों की जिम्मेदारी है बल्कि दायित्व भी है। ध्यान रहे कि पिछले कुछ वर्षों में नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रचार करते रहे उग्र स्वभाव और भाषा के तोगड़िया का संघ में वह असर नहीं है जो अशोक सिंघल का हुआ करता था।सिंघल की मृत्यु के बाद से ही यह माना जाने लगा था कि परिवार में अब विहिप की साख थोड़ी कम होगी। इसका सबसे बड़ा कारण था स्वीकार्य नेतृत्व की कमी। एक नेता का मानना है कि तोगड़िया गोरक्षकों के बहाने अपने पुराने प्रभाव को पाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसमें उन्हें शायद ही परिवार का साथ मिलेगा।

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