शिक्षक चयन मामला !
बैसा प्रखण्ड धुसमल पंचायत स्थित मदरसा न0 345
(मदरसा गौसिया फैज़ ए आम पलनकाफ ) जिसमें अनियमित तरीके से सेक्रेटरी द्वारा मनमाने ढंग से अपने भाई को नियुक्त किया गया है को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है । जिससे लोगों मैं काफी रोष है ।
कहा जा रहा है की इस चयन प्रक्रिया मैं मदरसा कमिटी के सदर एवं मदरसे के हेड मौलवी को भी अँधेरे मैं रखकर यह चयन किया गया है जो की बिलकुल निराधार है ! जहाँ तक गांव वालों का कहना है इससे पहले भी वर्तमान सेक्रेटरी द्वारा इसी पर्कार से पूर्व सेक्रेटरी के सहयोग से अपने एक भाई को पहले ही इसी मदरसे मैं बहाली कर चूका है ! अब प्रश्न यह उठता है की मदरसे मैं परिवारवाद की राह पे ले जानेवाला वयक्ति क्या शिक्षा के प्रति गंभीर हो सकता है या क्या ऐसे मदरसौं से पर्याप्त शिक्षा मिल पायेगी ?
सवाल कई हैं मगर जवाब कुछ नहीं ।
धांदली इस हद तक की गयी के मदरसे के हर सदस्य के जाली हस्ताक्षर भी आरोपी ने खुद किये,और इस बाबत में कोई भी आवाज़ उठाने को तैयार नहीं है।
मामले को संज्ञान मैं लेते हुए माननीय शिक्षा मंत्री,राजस्व मंत्री श्री हाजी अब्दुल जलील मस्तान सम्बंधित शिक्षा अधिकारी एवं मानव संसाधन विकास विभाग से निवेदन है की मामले की पूर्ण जांच हो और दोषियों को सजा मिले और योग्य शिक्षित बेरोजगारों को मौका मिले और शिक्षा की गरिमा बनी रहे और आम लोगों का विश्वास सरकार एवं अधिकारी के प्रति कायम रहे ।ये पूरा मामला हाई कोर्ट में चला गया है जिससे मुख्य आरोपी पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है,इतना होने के बावजूद भी किसी भी न्यूज़ चैनल या अखबार ने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया है,अब इसको किस नज़र से देखा जाए क्या मीडिया बिक चुकी है या फिर इतना बड़ा कांड होने के बाद भी मीडिया को कोई खबर ही नहीं है।
शोधकर्ता..........मोहम्मद अबरार,मोहम्मद इक़रामुद्दीन
बैसा प्रखण्ड धुसमल पंचायत स्थित मदरसा न0 345
(मदरसा गौसिया फैज़ ए आम पलनकाफ ) जिसमें अनियमित तरीके से सेक्रेटरी द्वारा मनमाने ढंग से अपने भाई को नियुक्त किया गया है को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है । जिससे लोगों मैं काफी रोष है ।
कहा जा रहा है की इस चयन प्रक्रिया मैं मदरसा कमिटी के सदर एवं मदरसे के हेड मौलवी को भी अँधेरे मैं रखकर यह चयन किया गया है जो की बिलकुल निराधार है ! जहाँ तक गांव वालों का कहना है इससे पहले भी वर्तमान सेक्रेटरी द्वारा इसी पर्कार से पूर्व सेक्रेटरी के सहयोग से अपने एक भाई को पहले ही इसी मदरसे मैं बहाली कर चूका है ! अब प्रश्न यह उठता है की मदरसे मैं परिवारवाद की राह पे ले जानेवाला वयक्ति क्या शिक्षा के प्रति गंभीर हो सकता है या क्या ऐसे मदरसौं से पर्याप्त शिक्षा मिल पायेगी ?
सवाल कई हैं मगर जवाब कुछ नहीं ।
धांदली इस हद तक की गयी के मदरसे के हर सदस्य के जाली हस्ताक्षर भी आरोपी ने खुद किये,और इस बाबत में कोई भी आवाज़ उठाने को तैयार नहीं है।
मामले को संज्ञान मैं लेते हुए माननीय शिक्षा मंत्री,राजस्व मंत्री श्री हाजी अब्दुल जलील मस्तान सम्बंधित शिक्षा अधिकारी एवं मानव संसाधन विकास विभाग से निवेदन है की मामले की पूर्ण जांच हो और दोषियों को सजा मिले और योग्य शिक्षित बेरोजगारों को मौका मिले और शिक्षा की गरिमा बनी रहे और आम लोगों का विश्वास सरकार एवं अधिकारी के प्रति कायम रहे ।ये पूरा मामला हाई कोर्ट में चला गया है जिससे मुख्य आरोपी पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है,इतना होने के बावजूद भी किसी भी न्यूज़ चैनल या अखबार ने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया है,अब इसको किस नज़र से देखा जाए क्या मीडिया बिक चुकी है या फिर इतना बड़ा कांड होने के बाद भी मीडिया को कोई खबर ही नहीं है।
शोधकर्ता..........मोहम्मद अबरार,मोहम्मद इक़रामुद्दीन