Header

Thursday, 25 August 2016

कूड़े के ढेर में पड़ी मिली दुधमुंही बच्ची, मुस्लिम परिवार ने अपनाया !

यूपी :कन्नोज जिले के समधन से एक बेहद ही चौंकाने वाली ख़बर आयी है । पाँच माह की बच्ची को तालाब के किनारे कूडे के ढेर से बरामद किया गया है । अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बच्ची को उसके माता पिता में से कोई या उसको अगवा कर के कोई वहाँ डाल गया था । दरअसल मामला सुबह समधन नगर के दारासराय स्थित वील तालाब के किनारे कूड़े के ढेर का हैजहाँ एक पांच माह की दुधमुंही बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी। वहां से गुजर रहे लोग मौकेपर गए तो एक झोले से बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी। तभी धीरे धीरे बच्ची को देखने वालों का तांता लग गया। लोगों ने झोले से उसे बाहर निकाला तो उसके मुंह में एक निपल लगी थी। बच्ची को बगिया मुहल्ला निवासी इरफान पुत्र अशफाक के सुपुर्द कर दिया गया। उसने अपनी पत्नी शबाना को दिया तो बच्ची ऐसे लिपट गई जैसे वह अपनी मां से लिपटी हो और उसका रोना बंद हो गया। यह देख वहां लोग हतप्रभ रह गये। समाचार लिखे जाने तक बच्ची की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

अंग्रेज़ों ने मुहम्मद यूनूस के सामने घुटने टेक दिए थे,उनको बनाया था बिहार का पहला प्रधानमंत्री !

१४ जुलाई १९४२ को वर्धा में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक का आयोजन किया गया था . इसी समय सुप्रसिद्ध भारत छोड़ो प्रस्ताव स्वीकृत हुआ और उसे अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति को मुम्बई में होने वाली बैठक में प्रस्तुत करने का निर्णय हुआ।५ अगस्त १९४२ को मुम्बई में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में भारत छोड़ो प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया और गाँधी जी ने करो या मरो का नारा दिया साथ ही कहा हम देश को चितरंजन दास की बेड़ियों में बँधे हुए देखने को जिन्दा नहीं रहेंगे।८ अगस्त को भारत छोड़ो प्रस्ताव पारित होने के तुरन्त बाद कांग्रेस के अधिकतर नेता गिरफ्तार कर लिये गये। डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद में मथुरा बाबू, श्रीकृष्ण सिंह, अनुग्रह बाबू इत्यादि भी गिरफ्तार कर लिए गये।बलदेव सहाय ने सरकारी नीति के विरोध में महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया। ९ अगस्त अध्यादेश द्वारा कांग्रेस को गैर-कानूनी घोषित कर दिया। इसके फलस्वरूप गवर्नर ने इण्डिपेंडेन्ट पार्टी के सदस्य मोहम्मद युनुस को सरकार बनाने के लिए आमन्त्रण किया।मोहम्मद युनुस बिहार के भारतीय प्रधानमन्त्री बने। (तत्कालीन समय में प्रान्त के प्रधान को प्रधानमन्त्री कहा जाता था।)यूनुस से साथ और तीन लोग भी सरकार का हिस्सा बने थे जिसमें दो ग़ैर-मुस्लिम थे.एक अप्रैल,1937 को वे बिहार ही नहीं सभी प्रातों में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले पहले शख्सबने. यूनुस 19 जुलाई 1937 तक अपने पद पर रहे.युनुस का जन्म 4 मई 1884 को बिहार में पटना के करीब पनहरा गांव में हुआ था. उनके पिता मौलवी अली हसन मुख्तार मशहूर वकील थे और उन्होंने लंदन से वकालत पढ़ी थी.यूनुस ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की थी, लेकिन बाद में वे महात्मागांधी की असहयोग नीति और दूसरे राजनीतिक कारणों से कांग्रेस से अलग हो गए.फिर उन्होंने 1937 के चुनाव के समय मौलाना सज्जाद के साथ मिलकर मुस्लिम इंडिपेंडेंट पार्टी बनाई. आज़ादी के बाद बने किसान मजदूर प्रजा पार्टी के गठन में भी मोहम्मद यूनुस ने अहम भूमिका निभाई थी. 1952 में 13 मई को मोहम्मद यूनुस का देहांत हुआ.

मोदी ना भूले उन्हें जिताने वाले गो रक्षक ही थे,मुस्लिम तो भारत का खाकर भी पाकिस्तान का गुणगान गाते है:साध्वी प्राची

नई दिल्ली:VHP की फायरब्रांड नेता साध्वी प्राची ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते उनके हाल ही में गौरक्षकों के खिलाफ दिए बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि मोदी शायद ये भूल रहे हैं कि वह आज जिस पद पर हैं वो इन गौरक्षकों की ही बदौलत है। उनकोयह नहीं भूलना चाहिए उनके लिए ये गोरक्षक अपना सिर कटाने को हमेशा तैयार रहते हैं, लेकिन सत्ता की कुर्सी पाने के बाद अब मोदी उन्ही पर आरोप मढ़ने लगे हैं।साध्वी का कहना है कि देश में होने वाला कोई भी परिवर्तन सिर्फ युवाओं के आंदोलन से ही संभव है। मुसलमानों पर सीधा हमला बोलकर उनकोनकारा बताते हुए साध्वी ने कहा कि जाली वाली टोपी लगाने वाले खाते-पीते और सांस लेते हैं तो भारत में हैं लेकिन गुणगान पाकिस्तान का करते हैं। इसलिए इनको भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं।

जेट एयरवेज ने मुझे नौकरी नहीं दी थी:स्मृति इरानी

नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने एक प्रोग्राम के दौरान कहा कि सबसे पहली नौकरी जो वो चाहती थीं वो केबिन क्रू की थी लेकिन जब उन्होंने इस नौकरी को हासिल करने की कोशिश की तो जेट एयरवेज ने कहा कि उनकी पर्सनालिटी इस जॉब के लिहाज़ से ठीक नहीं है. इसके बाद स्मृति ने मैकडोनाल्ड में नौकरी कीऔर उसके बाद वो अभिनेत्री बनीं और नाम कमाया.एयर पैसेंजर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित प्रोग्राम में जब वो पुरूस्कार वितरण करते वक़्त एक जेट एयरवेज के कर्मचारी को पुरूस्कार दे रही थीं तब उन्होंने ये बात कही.

हिंसा समस्याओं का समाधान नहीं होता बल्कि इससे दुख में वृद्धि होती है: महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर: राजनीतिक समाधान के लिए बातचीत की भरपूर वकालत करते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि हिंसा से कश्मीरियों को कुछ हासिल नहीं हुआ है बल्कि इससे राज्य के लोगों की समस्याओं में वृद्धि होती है उन्हें खून खराबे का सामना करना पड़ता है।अपने कर्तव्यों के निष्पादन के दौरान मारे गए सरकारी कर्मचारियों के निकट परिजन में एसआर ओ 43 के तहत नौकरियों के आदेश वितरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा ” हिंसा से राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर कोई बदलाव नहीं आयाहै बल्कि इससे राज्य के सामाजिक अराजकता के साथ ही लोगों के दुख में वृद्धि हुई है, जबकि राज्य को आर्थिक और शैक्षिक स्तर पर बड़े नुकसान का सामना करना पड़ाम इस अवसर पर उद्योग और कला बाज़ार मंत्री चंद्र प्रकाश, ग्रामीण विकास और पनचायती राज मंत्री अब्दुल हक़, सामाजिक कल्याण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सज्जाद गनी लोन, वित्त संस्कृति और श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ। हसीब ए द्राबू के अलावा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और सामाजिक कल्याण राज्यमंत्री आसिया भी मौजूद थीं।मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की आबादी का बड़ा हिस्सा समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने बातचीत की प्रक्रिया के लिए उपयुक्त वातावरण स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ” यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ युवा बातचीत की प्रक्रिया में सहयोग देने के बजाय हिंसा से काम लेते हैं। ” उन्होंने कहा कि राज्य ने पिछले 26 वर्षों के दौरान काफी खून खराबा देखा है। मुख्यमंत्री ने सवालिया अंदाज में कहा ” क्या इस सबसे जमीनी स्तर पर कश्मीरियों ने कोई बदलाव महसूस की? ”। उन्होंने कहा कि समाधान में सहयोग के बजाय हिंसा ने कश्मीर के हर घर को शोककदा बनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ” हिंसा हमारे खेल के मैदानों को कब्रिस्तान में बदल दिया है और समृद्ध परिवारों को शोक कदां बनाया गया है। ”

भयंकर तरीके से फ़ैल रही टीबी, भारत में सबसे ज्यादा मामले दर्ज

नई दिल्ली:साधारण लेकिन खतरनाक बिमारी मानीजाने वाली टीबी के मरीज दुनियाभर तेजी से बढ़ रहे हैं और टीबी के मरीजों की संख्या अनुमान से कहीं ज्यादा हो सकती है। साल 2014 जब भारत में टीबी के 22 लाख केस थे, लेकिन तत्कालीन ही ये संख्या दो से तीन गुना ज्यादा थे। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि टीबी के मामलों की काम रिपोर्टिंग से इसके मरीजों पर बुरा असर पड़ेगा और ज्यादातर लोग इससे अनदेखा ही कर देते हैं जिससे सही आंकड़े सामने आने में दिक्कत होती है। टीबी एक बैक्टिरयल इंफेक्शन है जो इससे ग्रसित आदमी की छींक से भी फैलता है।2014 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने दुनियभर में टीबी के 63 लाख मामले बताए थे। इनमें से एक चौथाई केस अकेले भारत के थे। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दुनिया के टीबी के सबसे माले भारत में ही सामने आएं हैं। सूत्रों का कहना है कि असल में भारत मेंटीबी के मामले कम दर्ज किए गए। 2014 में करीब 14 लाख मरीजों का टीबी का ईलाज सरकारी अस्पतालों में हुआ और ज्यादातर मरीज टीबी काईलाज प्राइवेट अस्पताल में कराते है इसलिए ये मामले सरकार के आंकड़ों में दर्ज नहीं हो पाते। इसके चलते टीबी के असल मामलों की संख्या इससे कहीं अधिक होती है।

राजनाथ सिंह ने दिया “कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत” का नारा

नई दिल्ली:ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू और कश्मीर में अमन-बहाली के लिए पूरी तरह से कोशिशें करना शुरू कर दिया है. भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार दोनों ही अब पूरी तरह से ज़ोर लगा रही हैं. इस बारे में राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार हर पक्ष से बात करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार हर उस पक्ष से बात करने को तैयार है जो कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत की बात करता हो. इस बारे में जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि 95% लोग अमन चाहते हैं.मालूम हो कि पिछले महीने बुरहान वानी की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में कई लोग मारे गए थे. इसमें पैल्लेट गन के इस्तेमाल कीभी देश और विदेश में निंदा की गयी है. अब तक कुल 68 लोग मारे जा चुके हैं और कई घायल हैं.

Comments system

Disqus Shortname

My site