राजस्थान के बीकानेर शहर का रहने वाला 12 साल के लड़के की आंख से आंसू नहीं कंकड़ निकलते हैं। छठी क्लास में पढ़ने वाले जोगराज पाणेचा की इस समस्या के कारण उसके परिजन और शिक्षक अधिक हैरान हैं।शुरुआत में उन्हें भी लगता था कि यह जोगराज की कोई शैतानी है। इसके बाद उन्होंने जोगराज को अपने सामने घंटों बिठाए रखा और देखा कि उसकी आंख से वाकई कंकड़ निकल रहा है, तब वे इस बात को मानने लगे।हालांकि, डॉक्टर अभी तक इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं और मनोरोग विशेषज्ञ इसे साइक्लोजिकल डिसऑर्डर बता रहे हैं। बच्चे के परिजन अब आंख में घी डालने से लेकर मंदिरों में मान्यता मान रहे हैं,ताकि उनका बेटा जल्दी ठीक हो जाए।इस मामले में मनोरोग विशेषज्ञ एवं पूर्व मनोरोग विभागाध्यक्ष पीबीएम हॉस्पिटल के डॉक्टर अशोक सिंघल ने बताया कि यह मामाला हिस्टेरिकल डिसऑर्डरका केस लग रहा है। उन्होंने कहा कि जांच-पड़ताल के बाद ही कोई नतीजा निकल सकेगा। वैसे इस तरह के डिसऑर्डर में ध्यान खींचने के लिए व्यक्ति जाने-अनजाने में कई तरह की गतिविधियां करने लगते हैं।
No comments:
Post a Comment