सऊदी अरब के इस्लामिक स्कॉलर हसन मदनी नदवी ने इफ्तार पार्टी की सख्त अल्फाज़ों में कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इसमें केवल राजनीतिक फायदा देखा जाता है। जबकि धर्म का मजाक उड़ाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि वैसे भी इसमें अमीर और दूसरे धर्म के लोग ही आमंत्रित होते हैं और गरीबों को कोई नहीं पूछता। जबकि रोज़ा रखने का असल मकसद तो उनकी ही भावनाओं को समझना है और फिर उनकी मदद करना है। मगर आज राजनीतिक दल अपना उल्लू सीधा कर सीधे-साधे मुस्लिमों को मूर्ख बना रहे हैं।उन्होंने स्पष्ट किया की उनका यह बयान ओवैसी के विरोध मे नही दिया था, बल्कि समाजवाद के नाम पर साम्प्रदायिकता और साम्राज्यवाद फ़ैलाने वालो के विरोध मे दिया था, जो रमजान में टोपी पहन कर आते हेंऔर फ़िर मुसलमानो को टोपी पेहनाते हैं।
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