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Saturday, 10 September 2016

शहाबुद्दीन रिटर्न: 1300 गाडियों केकाफिले में मंत्री नेता और समर्थकों का हुजूम शामिल

बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जेल सेरिहाई के साथ ही बिहार में एक बड़े खेमे में जश्न है. हत्या के मामले में हाई कोर्ट से दोषी करार दिए जा चुके शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा किया गया है. मगर 11 साल बाद जेल से बाहर निकलने के बाद भी शहाबुद्दीन के तेवर बरकरार हैं. जानिए शाहबुद्दीन के रिहा होने की दस खास बातें- माफिया डॉन और बाहुबली नेताशाहबुद्दीन को शनिवार की सुबह करीब आठ बजे भागलपुर जेल रिहा किया गया. पूर्व सांसद की अगवानी करने के लिए उनके हजारों समर्थक जेल के बाहर जुटे थे.जेल से बाहर आते ही शहाबुद्दीन जब आज तक से मुखातिब हुए तो उन्होंने सीधे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि वे नितिश को अपना नेता कभी नहीं मानते. उनके नेता केवल लालू प्रसाद यादव हैं.11 साल की जेल के बाद खुली हवा में सांस लेने वाले बाहुबली शहाबुद्दीन के दामन पर भले ही जुर्म के कई दाग हैं. लेकिन जेल से बाहर निकलते वक्त उन्होंने सफेद रंग का कुर्ता पायजामा पहन रखा था.जेल के बाहर आते ही बाहुबली को समर्थकों ने घेर लिया. हजारों समर्थक शहाबुद्दीन की एक झलक पाने के लिए उतावले दिखाए दे रहे थे. कई समर्थक फूल मालाएं लेकर आए थे. जो उन्होंने शाहबुद्दीन को पहनाईं और जो नहीं पहना सके, उन्होंने उनकी कार पर ही मालाएं फेंक दी.मोहम्मद शाहबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिल के साथ भागलपुर जेल से अपने गृह क्षेत्र सीवान के लिए रवाना हुए. उनके काफिले में बिहार सरकार के कई मंत्रियों सहित महागठबंधन के लगभग 30 विधायकों भी शामिल हुए. इसके अलावा शाहबुद्दीन के साथ काफिले में कई राजद नेताओं के शामिल होने की भी उम्मीद है.शाहबुद्दीन के रिहा होने से पहले ही बांका की बेलहर विधानसभा सीट से विधायक गिरधारी यादव ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था कि शहाबुद्दीन शनिवार सुबह आठ बजे भागलपुर सेंट्रल जेल से रिहा होंगे. उनके काफिले में 1300 गाड़ियां शामिल होंगी. और शनिवार की सुबह बिल्कुल ऐसा ही हुआ.

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