बांग्लादेशमें स्थित है आदिवासी समुदाय मंडी।इस समुदाय की एक अजीबोगरीब परम्परा है जिसमे माँ और बेटी का एक ही आदमी के साथ शादी करना। यानी बेटी का पति उसका पिता ही होता है। यहां बेटियां बचपन से ही पिता को पति के रूप में देखती हैं।महिलाएं ही करती हैं बड़े फैसले..ये कम्युनिटी बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व स्थित माधोपुर जंगल में रहती है। इस कम्युनिटी में बहुत छोटी उम्र में ही शादी हो जाती है। 90 फीसदी कम्युनिटी ने अब इसाई धर्म अपना लिया है।यहां परिवार पर महिलाओं की हुकूमत चलती है। वे ही परिवार से जुड़े बड़े फैसले करती हैं।बेटी की पति से शादी पर मां को परेशानी..एक शादी कर चुकी ओरोला ने कहा- जब मेरी शादी हुई तो मैं भाग जाना चाहती थी। मेरा अच्छी शादी का सपना चूर-चूर हो चुका था। उन्होंने कहा- पिता कोपति के रूप में देखना खौफनाक था।ओरोला की मां मिटामोनी डालबोट ने कहा कि मुझे इस बात पर कोई पछतावा नहीं।ये शादी हमारे परिवार की जिंदगी के लिए जरूरी थी। ये फैसला मेरा नहीं, बल्कि कम्युनिटी के बुजुर्गों का था।लड़कियां तोड़ रहीं परम्परा।इस कम्युनिटी में 'अचिक-मचिक' (मंडी वुमन यूनिटी) भी है। इसकी मुखिया का कहना है कि हमें अपनों के लिए बहुत सी व्यवस्थाएं करनी होती हैं। हमें अपनों की प्रॉपर्टी भी बचानी है और महिलाओं को भी बचाना है। बेटी की पिता से शादी इसी व्यवस्था का हिस्सा है। हालांकि, कम्युनिटी धीरे-धीरे इस परम्परा को खत्म कर रहीहै। क्योंकि, मॉडर्न लड़कियां इस रिचुअल को नहीं मान रहीं। वे ढाका भाग रही हैं। कोई मेड केरूप में काम कर रही है, तो कोई ब्यूटिशियन बन रही है।
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