कोलकाता: मॉडर्न एजुकेशन सिस्टम इस क़दर अंग्रेज़ी पे जा टिका है कि दूसरी तरह की पढ़ाईसे लोग बचने से लगे हैं. एक समय था जब लोग मदरसों में अपने बच्चों को दीनी और दुनियावीतालीम के लिए भेजते थे, बाद में ये सिर्फ़ दीनी हो गया और आजकल के दौर में तो ये ग़ायब होने की कगार पे है लेकिन इस गिरावट को बढ़त की तरफ़ मोड़ने का काम किया है टेक्नोलॉजी ने. जी हाँ, तकनीकी सेवाओं की वजह से ये मुमकिन हो पाया है कि मदरसे में बच्चे फिर से वापिस आने लगे हैं और दीनी पढ़ाई के साथ साथ दुनियावी पढ़ाई भी शुरू हो गयी है और पश्चिम बंगाल में तो ये एक ट्रेंड सा बन कर उभरा है. जहां पहले बच्चे मदरसों में दाख़िला नहीं ले रहे थे या जिन का दाख़िला हुआ था वो छुट्टियांकर रहे थे अब बच्चों में मदरसों में पढने को लेकर उत्साह आ गया. अच्छी कंप्यूटर लैब और दूसरी तरह की दुनियावी पढ़ाई को मदरसों में जगह मिल रही है.
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