लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था का हवाला देकर विधानसभा चुनाव में झंडे गाड़ने का मंसूबा बनाने वाली भाजपा और बसपा के लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो कीताज़ा रिपोर्ट झटका देने वाली है। इसमें बताया गया है कि जिस क्षेत्र में इनके विधायक हैं , वहां सर्वाधिक दंगे-फसाद होते है। वैसे, आपराधिक घटनाओं के नज़रिये से पूरे सूबे की दशा बेहद चिंताजनक है।यूपी में हर दिन अपहरण के 33, हत्या के 13 औरबलात्कार के 24 मामले दर्ज किये जाते हैं। इस प्रदेश में दंगा की प्रतिदिन 19 घटनाएं रिकॉर्ड की जाती हैं। मायावती सरकार की तुलना में अखिलेश सरकार में दंगे 12 प्रतिशत बढ़े हैं। क्राइम ग्राफ में भी अधिक उछाल आया है। यहाँ तक कि संगीन अपराधों में इसकी गिनती अब अव्वल प्रदेश में होने लगी है।Facebook पर हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करेंपिछले चार वर्षों में भाजपा एवं बसपा के प्रभाव क्षेत्रों में सर्वाधिक दंगे रिकॉर्ड किए गए। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, पिछले 4 साल में यूपी में 93 लाख से ज्यादा क्राइम की घटनाएं दर्जकी गईं और दंगे सबसे ज्यादा भाजपा व बसपा के विधयक वाले इलाकों में हुए। बसपा सरकार में 22347 दंगे हुए थे, जबकि अखिलेश सरकार में यह आंकड़ा बढ़कर 25007 हो गया।पिछले एक वर्ष में सबसे ज्यादा दंगे आगरा, गोरखपुर और आजमगढ़ में हुए हैं। आजमगढ़ को छोड़कर बाकी जिलों में सपा से ज्यादा विधायकबसपा या भाजपा के हैं। आंकड़े बताते हैं कि मायावती सरकार की तुलना में अखिलेश सरकार में बाकी क्राइम में भी इजाफा हुआ है। बसपा के टाइम में हर दिन यूपी में औसतन 5783 अपराध दर्ज होते थे, यह आंकड़ा बढ़कर 6433 परपहुंच गया है। हालाँकि इस बारे में मंत्री एसपी यादव का कुछ अलग ही तर्क है। उनका कहना है कि क्राइम का आंकड़ा इसलिए बढ़ा है कि सपा सरकार में मुक़दमे दर्ज किए जा रहे हैं। मायावती सरकार में मुक़दमे दर्ज ही नहीं होतेथे।लखनऊ से एम ए हाशमी की रिपोर्ट
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