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Wednesday, 24 August 2016

नरेंद्र मोदी पर फूटा तोगड़िया का गुस्सा,कहा हमे कहि मुह दिखाने लायक नहीं छोड़ा।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोरक्षकों के खिलाफ बयान और गृह मंत्रालय द्वारा कार्रवाई करने संबंधी एडवाइजरी पर विश्व हिंदू परिषद के फायर ब्रांड कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडि़या बिफर पड़े हैं। तोगडि़या का कहना है कि इसके बाद वे किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रह गए हैं और हालत यह है कि उनके मन में आत्महत्या का विचार आने लगा है।
लगभग एक घंटे तक चली प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान तोगडि़या ने गुस्सा भी निकाला, रोए भी और गोहत्या रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए गिड़गिड़ाए भी। साथ ही उन्होंने गोरक्षा को दलित उत्पीड़न से जोड़े जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह गहरी साजिश का परिणाम
प्रवीण तोगडि़या ने प्रधानमंत्री के बयान और गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद गौ हत्या बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि अब देश में गौ माता को बचाने वाला कोई नहीं है। उन्होंने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले प्रधानमंत्री ने एक बार उनसे बात तो कर ली होती। देश के सारे गोरक्षक उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े होते। लेकिन कश्मीरी आतंकियों और पाकिस्तान के साथ बात करने वाली सरकार ने गोरक्षकों की बात भी नहीं सुनी।
उनके अनुसार, पूरे देश से गोरक्षक फोन कर उन्हें गालियां दे रहे हैं, सवाल पूछ रहे हैं और उनके पास कोई भी जवाब नहीं है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जी आपने हमें कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा।'
अपने गोरक्षक समर्थकों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे तोगडि़या ने प्रधानमंत्री के 80 फीसदी गोरक्षकों को फर्जी बताने और पॉलीथीन खाने से अधिक गायों के मरने के आकंड़ों पर भी सवाल उठाया। प्रधानमंत्री से आकंड़ों के स्त्रोत की जानकारी मांगते हुए उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकारों की ओर से ऐसा कोई आंकड़ा नहीं आया है। इसके साथ ही उन्होंने गोरक्षकों के खिलाफ गृह मंत्रालय की एडवाइजरी को गौ हत्या की खुली छूट देना करार दिया।
गोरक्षकों का डोजियर बनाने के आदेश को नस्लवादी कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले सरकार को गौ तस्करों और गाय मारने वालों का डोजियर बनाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि गोरक्षकों के खिलाफ दर्ज केस विहिप लड़ेगा और उनके परिवार की आर्थिक मदद भी करेगा।
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गोरक्षकों के हाथों दलित उत्पीड़न पर सफाई देते हुए प्रवीण तोगडि़या ने कहा कि यह हिंदू समाज को बांटने की साजिश है। दलितों के उत्थान और समाज में उनके सम्मान के लिए काम करने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि 25000 दलित उत्पीड़न के मामले में दो ही मामले गोरक्षकों से जुड़ा है। फिर भी इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। जबकि ऊना की घटना की विहिप ने तत्काल निंदा की थी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी।
गोरक्षा को सदियों से हिंदू समाज का संकल्प बताते हुए प्रवीण तोगडि़या ने इसके लिए कानून बनाने की मांग की। एडवाइजरी जारी होने के बाद गोरक्षा की जिम्मेदारी सरकार पर डालते हुए 24 घंटे की हेल्पलाइन नंबर शुरू करने और क्विक रिस्पांस टीम गठित करने की भी मांग की है। उन्होंने गोरक्षकों से गोहत्या और गो तस्करी के मामलों का वीडियो बनाकर प्रधानमंत्री के ट्विटर एकाउंट पर भेजने की अपील की। प्रधानमंत्री के भाषण और एडवाइजरी को हिंदुओं का अपमान बताते हुए उन्होंने इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।

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