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Saturday, 6 August 2016

सबसे ज्यादा मशहूर वैज्ञानिक मुस्लिम दुनिया से थे।परवेज़ अमिरालि

7 जनवरी 2016 को नाभिकीय भौतिक विज्ञानी ,  मशहूर दूरदर्शन शख्सियत व लेखक परवेज अमिराली हुडभोय हैदराबाद साहित्य समारोह में शिरकत करने आये थे . परवेज अमीराली भारतीय व विश्व विज्ञान पर ख़िताब करते हुवे कहा कि " मुसलमानों को तरक्की व याफ्ता के लिए विज्ञान से अवश्य जुड़ना चाहिए . आज भारत , पाकिस्तान , बांग्लादेश , इंडोनेशिया व विभिन्न देशों के मुसलमानों की बदहाली की वजह यह है कि वह साइंसी उलूम के साथ मजबूती से नही जुड़ रहे हैं । अपने ख़िताब  में मुसलमानों की बदहाली व तररकी अक़ीदे व इतिहास पर भी रौशनी डाला ."मैंने साइंस और टेक्नोलॉजी से सम्बंधित बहुत से किताबों का अध्यन किया और पाया की साइंस वह इल्म है जो धर्म व कौमियत , रंग व नस्ल और इलाके के नज़रये से ऊपर है ।चार से पांच सौ साल पहले साइंसी उलूम की तरक़्क़ी के छेत्र - इल्मे रियाजी ( गणित - Mathematics ), इल्मे नबातात ( Botony ) , इल्मे तबिआत ( भौतिकी - Physics ), इल्मे कीमिया ( रासायनिक शास्त्र - Chemistry ) व मेडिकल साइंस में मुस्लिम वैज्ञानिक का दबदबा था जो आज धीरे धीरे काम होते गया । इल्मे रियाजी ( गणित ) अरब वालों का पसंदीदा विषय रहा है । मुहम्मद बिन मूसा ख्वारिज़्मी , जिसे यूरोप में अल्गोरिज़्म के नाम से जाना जाता है . आप ने रियाजी ( हिसाब ) , फल्कीयात ( आसमानी चीजो से संबंधित चीज ) , जुगराफिया ( भूगोल- Geography  ) और इतिहास में असाधारण कारनामे सर - अंजाम दिये । ख्वारिज़्मी दुनिया के पहले इल्मे रियाज ( गणित )  के जानकार थे जिन्होंने शून्य का इज़ाद ( आविष्कार) किया ।

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