पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को भाजपा और आरएसएस को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिन्होंने कभी भी तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज नहीं माना वे अब तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं. उन्होंने असहिष्णुता के मौजूदा माहौल के खिलाफ बुद्धिजीवियों और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले लोगों से एकजुट होने की अपील की. उन्होंने एकपुस्तक विमोचन समारोह में भाजपा और आरएसएस को सीधे-सीधे निशाने पर लेते हुए कहा, हम एक नया दौर देख रहे हैं. कई बार यह सुनकर अच्छा लगता है कि जिन्होंने कभी भी तिरंगे को मान्यता नहीं दी वे आज तिरंगा यात्राएं निकाल रहे हैं, जिन्होंने कभी भी तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज नहीं माना, उन्हें ऐसा करते देखकर अच्छा लग रहा है. मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में बार बार असहिष्णुता से लड़ने के लिए बिखरे हुए समाजवादी दलों और बुद्धिजीवियों के बीच एकजुटता का आह्वान किया. उन्होंने कहा, जब आपने असहिष्णुता के खिलाफ अभियान शुरू किया तो वह काफी सफल रहा. अभियान रुकना नहीं चाहिए, चलते रहना चाहिए. आज ऐसी परिस्थितियां बना दी गई हैं, जब आपको मिलकर एक वैचारिक अभियान के जरिये इससे लड़ना होगा. नीतीश ने कहा, आज जिस तरह असहिष्णुता का दौर बना हुआ है, इन परिस्थितियों में लेखकों, बुद्धिजीवियों कोना केवल लिखना होगा बल्कि और भी चीजें करनी होंगी.उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि आज जो कुछ हो रहा है, उससे सब सहमत हैं, अधिकतर लोग सहमत नहीं हैं, लेकिन विरोध की यह आवाज मजबूतनहीं है और यह आवाज सुनायी दे, इसके लिए हम सबको मिलकर कड़ी मेहनत करनी होगी.
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