भारत एक ऐसा देश है जिसमें विविधता में एकता है, यहां कई संस्कृति एक साथ देखने को मिलती है. देखा जाएं तो विविधता में एकता, भारत के संदर्भ में सिर्फ मुहावरा नहीं है बल्कि यह यहां की सच्चाई है. भारत की संस्कृति और परम्पराओं के बारे कुछ शब्दों में समझाना मुश्किल है. यहां कई राज्य, भाषा, संस्कृति, पाक कला, परम्परा, पहनावा और अन्य बोलियां हैजिनमें से कई तो अनगिनत है. भारत एक ऐसा भूमि है जहां सब कुछ देखने को मिलता है. लेकिन जहां एक ओर भारत इतनी विविधताओं से भरा हुआ है, वहीं यहां के लोगों के बीच अजीबोगरीब प्रथाएं भी पनप चुकी है. यहां हर क्षेत्र की कुछ ख़ास परम्पराएं है जो उस क्षेत्र की पहचान बनी हुई है. इसी तरह विवाह को लेकर भी कई प्रथाएं चली आ रही हैं.हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में आज भी बहु पति विवाह किए जाते हैं. यहां रहने वाले परिवारों में महिलाओं के कई पति होते हैं. ऐसा नहीं है कि ये पति अलग-अलग परिवारों के हो, महिला के पति एक ही घर के होते हैं.घर की एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सभी भाई एक ही युवती से परंपरा के अनुसार शादी करते हैं और विवाहित जीवन जीते हैं. अगरकिसी महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत भी हो जाए तो भी महिला को दुख नहीं मनाने दिया जाता है.किन्नौर में विवाह की परंपरा भी अजीब ढंग से निभाई जाती है. जब किसी युवती की शादी होती है तो परिवार वाले उस परिवार के लड़कों के बारे में पूरी जानकारी आदि ले लेते हैं. विवाह में सभी भाई दूल्हे के रूप में सम्मलित होते हैं. शादी के बाद निभाई जाने वाली कई परंपराएं और बाद का विवाहित जीवन एक टोपी पर निर्भर करता है.जैसे किसी परिवार में चार भाई है. सभी की विवाह एक ही महिला से हुआ है. अगर कोई भाई अपनी पत्नी के साथ है तो वह कमरे दरबाजे पर अपनी टोपी रख देता है. भाइयों में मान मर्यादा इतनी रहती है कि जब तक टोपी दरवाजे पर रखी है कोई दूसरा भाई उस स्थान पर नहीं जा सकता.यहां लोगों का कहना है कि यह प्रथा इसलिए चलीआ रही है क्योंकि अज्ञातवास के दौरान पांचोंपांडवों ने यही समय बिताया था. सर्दी में बर्फबारी की वजह से यहां की महिलाएं और पुरुष घर में ही रहते हैं. बर्फबारी की वजह से कोई काम नहीं रहता है. इन दिनों इन लोगों के पास बस मौज मस्ती में दिन व रात गुजारने होते हैं. महिलाएं सारा दिन पुरुषों के साथ गप्पें मारती हैं.
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