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Monday, 15 August 2016

आज़ादी नही है किसी इक की,राहुल गांधी ने फेहराया पहली बार तिरंगा।

नई दिल्ली।दलितों पर हाल ही में हुए हमलों के मद्दनेजर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि आजादी कभी भी केवल चुनिंदा लोगों के लिए नहीं हो सकती. उन्होंने देशवासियों से ऐसे देश की अभिलाषा रखने को कहा जहां घृणित और हीन ताकतें विचारों को ‘हिंसक रूप से नहीं कुचल सकें.’’स्वंतत्रता दिवस पर अपने संबोधन मेंराहुल ने कहा, ‘‘जब अनैतिक ताकतें हममें से कुछ की आजादी के लिए खतरा पैदा करती हैं, जैसा कि हाल के दिनों में हमने देखा भी है, तब हमें याद रखना चाहिए कि आजादी केवल कुछ लोगों के लिए ही नहीं हो सकती..यह सबके लिए होनी चाहिए. भारत के हर व्यक्ति को आत्मसम्मान, जीने और खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने की आजादी और अधिकार होना चाहिए.’’राहुल ने कहा कि भारतीयों को ऐसे देश की अभिलाषा रखने का अधिकार है जहां कोई भी खौफ में नहीं जीता हो और ‘‘जहां विचार का मुक्त प्रवाह हो और जहां उन्हें घृणा और हीनता की ताकतें हिंसक रूप से कुचलती नहीं हों. हमें सच्चाई पर जोर देना चाहिए और सच्चाई के लिए हमेशा लड़ते रहना चाहिए.’’ राहुल ने तीन साल पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष पद का प्रभार संभाला था तब से लेकर यह पहली बार है जब उन्होंने पार्टी मुख्यालय में तिरंगा फहराया है.पार्टी कार्यालय में आमतौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही तिरंगा फहराती हैं. उन्हें एक निजी अस्पताल से कल ही छुट्टी मिली है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी मौजूद थे.राहुल ने कहा कि जिस पीढ़ी ने हमें आजादी दिलाई है, वे लोग आज हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनकी ओर से दिया गया संविधान का बहुमूल्य तोहफा हमारे पास है.उन्होंने कहा, ‘‘इसमें वे मूल्य, आदर्श और सिद्धांत शामिल हैं जिनके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी और जिनके बारे में उनका मानना था कि ये हमारे साहसी युवा देश का मार्गदर्शन करेंगे.’’

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