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Monday, 22 August 2016

मुस्लिम छात्रा को बनाया गया शिकार,इस्लाम फोबिया पर दिया था इन्होंने इंटरव्यू

एक 23 वर्षीय ब्रिटिश मुस्लिम छात्रा रुकैया हैरिस को ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम के प्रति नफरत) पर चर्चा के दौरान ही इस्लामोफोबिया का शिकार होने पड़ा। हैरिस ब्रिटिश रेडियो सेवा बीबीसी के एक कार्यक्रम के लिए इंटरव्यू दे रही थीं। रुकैया बीबीसी से सोशल मीडिया पर हुए अपने बुरे अनुभवों को साझा कर रही थीं। रुकैया एक स्थानीय पार्क में पत्रकार को बता रही थीं कि ट्विटर पर उन्हें किस तरह के कमेंट का सामना करना पड़ता है, तभी पीछे बैठे एक ब्रिटिश आदमी ने कहा, “यहां शरिया कानून नहीं चलता है।”डेली मेल यूके के अनुसार इस व्यक्ति का नाम पॉल था। व्यक्ति के कमेंट के बाद रुकैया ने कार्यक्रम के बीच में उससे कमेंट करने का कारण पूछा। रुकैया ने पॉल से कहा, “अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो कह सकते हैं। क्या आप शरिया कानून के बारे में बात करना चाहते हैं?” रुकैया ने कहा, “आप मुझसे शरिया कानून के बारे में बात करना चाहते हैं? हम शरिया कानून पर बात कर सकते हैं। आपने किसी कारण से ही ऐसा कमेंट किया होगा।” हालांकि पॉल ने इससे इनकार कर दिया कि उसने रुकैया पर कमेंट किया था। पॉल पूरे इंटरव्यू के दौरान वहीं पास बैठा रहा था। रुकैया के जवाब में पॉल ने कहा, “हम बोलने की आजादी खो रहे हैं। हमें राजनीतिक रूप से सही रहने के लिए कहा जाता है, तब भी जब हम ऐसा नहीं करना चाहते।”बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में हर रोज इस्लामोफोबिया से जुड़े करीब सात हजार ट्वीट किए गए थे। फ्रांस के नीस में हुए आतंकी हमले के दौरान ऐसे ट्वीट में काफी बढ़ोतरी हो गई थी। रुकैया ने अपने इंटरव्यू के दौरान इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनके द्वारा ऐसे हमले की निंदा करने से लोगों की राय पर कोई फर्क पड़ेगा। उन्होंने कहा, “मैं क्या कहती हूं, मैं क्या लिखती हूं या मैं क्या पोस्ट करती हूं इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। किसी भी तरह के आतंकी हमले के बाद लोग इस्लाम पर किसी न किसी तरह हमला करते हैं, इस्लाम का या मेरा या मेरे हिजाब का अपमान करते हैं। चाहे मैं किसी बिल्कुल ही जुदा चीज के बारे में बात करूं, चाहे मैं मरने वालों को श्रद्धांजलि ही दूं…।”बीबीसी की पत्रकार ने एक ब्रिटिश अखबार से बातचीत में बताया कि पॉल के कमेंट से उनकी रिकॉर्डिंग की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। आपत्ति जताने पर पॉल ने कहा कि उसके पास ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।’ पत्रकार ने बताया कि पॉल ने वीडियो में अपना चेहरा दिखाए जाने की अनुमति दी थी।

नोट,  इस वेबसाइट से जुड़कर समाज सेवा करने हेतु आप इसके एडिटर (मोहम्मद ज़ाहिद) से संपर्क कर सकते है।मोबाइल नंबर--9528183002

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