दरअसल पीड़ित लड़की युवती पश्चिम बंगाल के अलीपुर की रहने वाली है. पूनम अरहा है. प्रदेश १८ की रिपोर्ट के अनुसार युवती पूनम को अलीगढ़ के युवक शादाब से फेसबुक से दोस्ती हुई. उसके बाद शादाब ने अपनापन दिखाकर उसे अलीगढ़ बुला लिया. शादाब के दबाव में आकर उसने इस्लाम अपना लिया और शादी कर ली.इतना ही नहीं शादाब ने पूनम का नाम बदल कर जरीन कर दिया. लेकिन शादी के बाद पूनम को पता चला कि उससे क्या गलती हुई है. शादाब उस पर तरह-तरह के अत्याचारकरने लगा. जब पूनम ने साथ छोड़ना चाहा तो कमरे में बंद कर बंधक बना लिया.पूनम की जिंदगी नरक बन चुकी थी. इज्जत आबरू के साथ-साथ उसकी पहचान भी खो गई थी. किसी तरह पूनम शादाब के चुंगुल से छूटी तो आर्य समाज मंदिर पहुंचकर अखिल भारत हिन्दू महासभा के संपर्क में आई. हिन्दू महासभा के लोगों ने अचल ताल स्थित आर्य समाज मंदिर में हवन यज्ञ कराकर पूनम का शुद्धिकरण कराया और यज्ञोपवित जनेऊ धारण कराया.घर वापसी कार्यक्रम कराने के बाद पुलिस और एलआईयू के लोग पहुंच गए. पूनम और हिन्दू महासभा को रोक कर पूछताछ की. आर्य समाज मंदिर में थाना गांधी पार्क पुलिस फोर्स ने पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया. वहीं पूनम ने अपनी जान को खतरा बताया है और कहा है कि उसके साथ धोखा किया गया विश्वासघात किया गया. उसे जबरन इस्लाम ग्रहण कराया गया था.
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