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Saturday, 10 September 2016

शहाबुद्दीन रिटर्न: 1300 गाडियों केकाफिले में मंत्री नेता और समर्थकों का हुजूम शामिल

बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जेल सेरिहाई के साथ ही बिहार में एक बड़े खेमे में जश्न है. हत्या के मामले में हाई कोर्ट से दोषी करार दिए जा चुके शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा किया गया है. मगर 11 साल बाद जेल से बाहर निकलने के बाद भी शहाबुद्दीन के तेवर बरकरार हैं. जानिए शाहबुद्दीन के रिहा होने की दस खास बातें- माफिया डॉन और बाहुबली नेताशाहबुद्दीन को शनिवार की सुबह करीब आठ बजे भागलपुर जेल रिहा किया गया. पूर्व सांसद की अगवानी करने के लिए उनके हजारों समर्थक जेल के बाहर जुटे थे.जेल से बाहर आते ही शहाबुद्दीन जब आज तक से मुखातिब हुए तो उन्होंने सीधे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि वे नितिश को अपना नेता कभी नहीं मानते. उनके नेता केवल लालू प्रसाद यादव हैं.11 साल की जेल के बाद खुली हवा में सांस लेने वाले बाहुबली शहाबुद्दीन के दामन पर भले ही जुर्म के कई दाग हैं. लेकिन जेल से बाहर निकलते वक्त उन्होंने सफेद रंग का कुर्ता पायजामा पहन रखा था.जेल के बाहर आते ही बाहुबली को समर्थकों ने घेर लिया. हजारों समर्थक शहाबुद्दीन की एक झलक पाने के लिए उतावले दिखाए दे रहे थे. कई समर्थक फूल मालाएं लेकर आए थे. जो उन्होंने शाहबुद्दीन को पहनाईं और जो नहीं पहना सके, उन्होंने उनकी कार पर ही मालाएं फेंक दी.मोहम्मद शाहबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिल के साथ भागलपुर जेल से अपने गृह क्षेत्र सीवान के लिए रवाना हुए. उनके काफिले में बिहार सरकार के कई मंत्रियों सहित महागठबंधन के लगभग 30 विधायकों भी शामिल हुए. इसके अलावा शाहबुद्दीन के साथ काफिले में कई राजद नेताओं के शामिल होने की भी उम्मीद है.शाहबुद्दीन के रिहा होने से पहले ही बांका की बेलहर विधानसभा सीट से विधायक गिरधारी यादव ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था कि शहाबुद्दीन शनिवार सुबह आठ बजे भागलपुर सेंट्रल जेल से रिहा होंगे. उनके काफिले में 1300 गाड़ियां शामिल होंगी. और शनिवार की सुबह बिल्कुल ऐसा ही हुआ.

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अब बिरयानी पर होगी सियासत,अगर निकला बीफ तो सज़ा बेचने वाले और किसान को भी।

नई दिल्ली: भारत में बिरयानी आयोग की सख़्त ज़रूरत है। प्रांत और माँस के अलग अलग प्रकारों को देखते हुए ज़रूरी है कि बिरयानीआयोग कम से कम दस सदस्यीय हो। आयोग का हर सदस्य कम से कम एक बिरयानी का ज्ञाता हो और दोस्तों के बीच बिरयानी खाने को लेकर मशहूर हो। बिरयानी आयोग में कोई शाकाहारी सदस्य नहीं होगा। सिर्फ गली चौराहे से बिरयानी के सैंपल उठाने वाले कर्मचारी शाकाहारी होंगे ताकि उन पर सैंपल की धौंस दिखाकर दो प्लेट बिरयानी मुफ़्त में चपत कर जाने का आरोप न लगे।बिरयानी आयोग के सदस्यों खाकर बताना होगा किबिरयानी कैसी बनी है मतलब किस चीज़ की बनी है। वो घर से लंच नहीं लायेंगे। जो सैंपल आएगा उसी में से खाते रहेंगे। खा खा कर बतायेंगे कि चिकन बिरयानी है या मटन या बीफ या आचारी या अंडा बिरयानी है।बिरयानी आयोग के सदस्य दोपहर बाद आयेंगे जब बाज़ार में सड़कों के किनारे बिरयानी की देगरखी जाती है। कुछ जगहों पर दोपहर से पहले ही मिलने लगती है। इन दिनों भारत में ग़रीब तबक़ा मोमो और गन्ने के जूस की तरह बिरयानी बेचने निकल पड़ा है। जो घर में बनाता था वही बाहर बना कर बेच रहा है। पहले सड़क पर इतनी मात्रा में बिरयानी नहीं मिलती थी। रेस्त्रां में या फिर शादी में बनती थी। जिनके घर में अम्मी अंकल बिरयानी बना लेते थे हम उस घर से कभी बिगाड़ नहीं करते थे। बिरयानी खाने का चांस मैं नहीं गँवा सकता था। बहरहाल गरीब बिरयानी बेचकर अपना गुज़ारा कर रहा है। ग़रीब का गुज़ारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।इसके लिए देग देग घूम कर बिरयानी के सैंपल लिये जाएँगे। उनकी जाँच होगी कि बिरयानी मेंबीफ है या नहीं। बिरयानी में चावलों के बीच छिपा हुआ माँस बीफ भी हो सकता है। चैनलों के मुताबिक़ आपत्तिजनक अवस्था में हो सकता है या घोर आपत्तिजनक अवस्था में भी हो सकता है। सैंपल वाले माँस की कान पकड़ लैब ले जायेंगे। अगर बीफ साबित हुआ तो बिरयानी वालेको सज़ा होगी। जेल जायेगा। अगर चावलों ने भी बीफ छिपाने में मदद की है तो उन्हें या उन्हें उगाने वाले किसान को भी जेल जाना होगा। राष्ट्रीय बिरयानी आयोग बिरयानी को लेकर एक नई नीति लेकर आएगा।अगर बिरयानी में बीफ नहीं निकला तो उसे दोष मुक्त बिरयानी का ख़िताब दिया जाएगा। सरकारी बिरयानी का मुहर लगेगा। जो बिरयानी दोषी होगी,उसे आयोग के सदस्य चुपचाप खा जाएँगे। पर्यटकों के लिए ‘ख़ास बिरयानी’ का लाइसेंस मिलेगा, जिसे वीज़ा दिखाकर प्राप्त किया जा सकेगा। फ़ाइव स्टार होटलों की बिरयानी के सैंपल नहीं लिये जायेंगे। शादी ब्याह के दौरान हमारे आयोग की टीम छापे मारेगी। बिरयानी का सैंपल लेकर बारात को कमरे में ही सील कर देगी। अगले दिन सैंपल रिपोर्ट आने के बाद ही बाराती खा सकेंगे और घर जा सकेंगे।जल्दी ही अलग से एक बिरयानी पुलिस होगी। जो आगे चलकर कबाब, कोरमा और करी से सैंपल लेगी। ये पुलिस शाकाहारी होंगे ताकि सैंपल रास्ते में चपत न कर जायें। बिरयानी इंस्पेक्टर, कोरमा इंस्पेक्टर और एस एस पी ( करी), डी एस पी ( कबाब) होंगे। बिरयानी बनाने वालों की शामत आएगी। उन पर डर का साया होगा। धीरे धीरेबिरयानी समाप्त हो जाएगी। धीरे धीरे ग़रीब समाप्त हो जाएँगे। इसके लिए वर्ष 20420 तक का लक्ष्य रखा गया है।राष्ट्रीय बिरयानी आयोग वेज बिरयानी की प्रतियोगिता आयोजित करवायेगा ताकि नॉन वेज बिरयानी की लोकप्रियता कमज़ोर हो। गोश्त का कोई दोस्त नहीं होता, ये हमारा नारा होगा। भयमुक्त बिरयानी का अभियान चलेगा। बाकी जो नहीं चलेगा वो खाकर टी वी स्टुडियो चला जाएगा और बिरयानी की बात करने वालों को निपटा आएगा । बिरयानी आयोग का आइडिया मेरा है। आप सपोर्ट करेंगे तो हम कटहल की सब्ज़ी से लेकर आलू दम के भी सैंपल उठायेंगे। बिरयानी मुक्त भारत बनायेंगे। नहीं बना सकेंगे तो बिरयानी खा जायेंगे।रविश कुमार

सारी दुनिया की नज़र में इस्लाम को बदनाम किया जा रहा,वही पश्चिमी हज में इस्लाम की तरफ बढ़ता सबका रुझान।

रियाद: इस्लामी उग्रवाद, आतंकवाद और शिया, सुन्नी मसलकी मतभेद के परिणामस्वरूप इस्लामी दुनिया में जारी रक्त्पात के परिणामस्वरूप जहां पूरी दुनिया में इस्लाम और मुसलमानों के बारे में नकारात्मक सोच को बढ़ावा देने में वृद्धि हुई है वहीं हज इस अध्याय में हवा का एक ताजा झोंका है जो पश्चिम को भी इस्लामी सहिष्णुता को स्वीकार करने पर मजबूर किया है।Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करियेअल अरबिया डॉट नेट के अनुसार अहले मगरिब जो मुसलमानों को केवल युद्ध और चरमपंथ के प्रतीक के रूप पर पेश करते हुए इस्लामोफोबिया से पीड़ित हैं हज जैसे वैश्विक सभा के लाभ को स्वीकार करने लगे हैं।पश्चिमी दुनिया के दो प्रमुख शोधकर्ता माइकल इलैकज्यो और स्टीफन जीमिकोफ संयुक्त रूप से एक रिपोर्ट तैयार की है जो हज के मानव समाज पर लागू होने वाले प्रभाव का बारीकी से विश्लेषण किया गया है। ” मक्का मुकर्रमा, धर्म और नए आधार पर समाजी संरेखण ” शीर्षक सेतैयार की गई रिपोर्ट में इस सवाल पर बहस की गई है कि क्या इस्लामी रिवाज विशेषकर हज जैसा विश्व सभा मानव सहिष्णुता में कोई भूमिका अदा कर सकता है? विशेषज्ञों ने खुद ही इस सवाल का जवाब सकारात्मक दिया है और स्वीकार किया है कि हर साल जमीन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित, अलग अलग भाषे बोलने वाले, काले और सफेद, विभिन्न साम्प्रदायिक विचारधारा युक्त दो मिलियन लोगों का एक जगह एक ही पोशाक, एक ही मक़सद और एक ही तरीके में रस्म व रिवाज को अदा करना पूरी दुनिया में मानव सहिष्णुता का सबसे बड़ा और अनूठा उदाहरण है। नि:संदेह हज की भीड़ सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और मानवीय और इस्लामी सहिष्णुता के इस्लामी दर्शन पर मुहर सत्यापित लगी है क्योंकि दुनिया का कोई दूसरा धर्म ऐसी वैश्विक सहिष्णुता की कोई मिसाल पेश करने में असमर्थ है। हज की सभा इस बात का संदेश है कि आदम के बच्चों में धर्म, रंग, जाति और संप्रदाय के आधार पर कोई अंतर नहीं है और सभी मनुष्य बराबर हैं। तथा कहा किहज की सभा इस्लाम और दुनिया के दुसरे क्षेत्रों में पाई जाने वाले साम्प्रदायिक संघर्ष को हतोत्साहित करते हुए पूरी मानवता को एक सूत्र में पिरोने की दावत प्रदान करता है।

सफाई देते-देते थक चूका हु,आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिया इस्तीफा।

दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखकर अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस पत्र में उन्होंने अपने कार्यकाल के बारेमें जिक्र करते हुए लेख है कि दिल्ली विधानसभा में विधायक चुने जाने के बाद से मैंने अपने काम को पूरी लगन और मेहनत के साथ किया है। मैंने हमेशा दिल्ली के लोगों की सेवा करना चाहा और इसे अपने फर्ज की तरह समझ है। वक्फ बोर्ड का चेयरमैन बनने के बाद मैंने पुरानी सरकार के कई घोटालों को लोगों के सामने लेकर पेश किया। लेकिन विरोधियों कोमेरी ईमानदारी और लोगों के लिए सेवा भाव पसंद नहीं आ रहा है क्योंकि उनका काम सिर्फ देश को लूटना है। मुझे और मेरे परिवार को तरह-तरह के झूठे आरोप लगाकर फसाया गया है और अब आलम ये है कि मैं जनता को सफाई देते-देते थक गया हूं क्योंकि अब मेरे सब्र का बांध टूटचुका है। इसलिए मैंने अत: मैं सरकार की दी हुई जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाने का फैसला ले लिया है और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।

देश चलता है प्रेम से गुंडागर्दी से नहीं चल सकता: राहुल गांधी

उत्तर प्रदेश: 2017 चुनावी जंग के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रोड शो करने पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की सपा सरकार के खिलाफ गरजते हुए कहा कि हमारे खून के अंदर ये बात है कि ये देश सबका है, किसी एक जाति-धर्म, व्यक्ति या संगठन का नहीं। राहुल ने कहा मोदी सरकार अगर सोचती है कि ये देश गुस्से या लोगों में डर फैला गुंडागर्दी करके चलाया जाए तो ये मुमकिन नहीं क्योंकि देश कभी गुस्से या डर से नहीं चल सकता। प्यार से चल सकता है। मोदी इस वक़्त सिर्फ जनता को एक दूसरे से लड़ाने का काम कर रहे है इसी लिए मोदी और आरएसएस के खिलाफ कांग्रेस पार्टी लड़ती है। बुलेट ट्रैन का सपना दिखा इन्होंने आम लोगों के लिए ट्रैन से सफर करना महंगा कर दिया है। राहुल गांधी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी में बिजली नहीं आती लेकिन उसका बिल पहले आ जाता है। उन्होंने कहा कि वो किसानों, युवाओं, छात्रों, दलितों व अल्पसंख्यकों को साथ लेकरचलेंगे और घर-घर जाकर किसानों के कर्ज की सूची तैयार करेंगे।

मेरे खिलाफ रची जा रही साजिश,भारतीय मुसलमानो पर हमला :जाकिर नाईक

इस्लामिक स्कॉलर जाकिर नाईक ने एक ख़त लिखकर उनके और उनके संघठनो के खिलाफ हो रही जाँच कोसाजिश बताया और इस तरह की हरकतों को पुरे भारतीय मुस्लिमो पे हमला बताया .Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करियेअपने इस ओपन लेटर में जाकिर नाइक ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन केवल उनके लिए नहीं बल्कि भारत के 20 करोड़ मुसलमानों के खिलाफ अन्याय है. सरकार के इस कदम को नाइक ने शांति, लोकतंत्र व न्याय पर हमला करार दिया है. नाइक ने कहा कि उनके संगठन पर प्रतिबंध वाला कदम मुख्यधारा से कटे हर तत्वको अपने मनमुताबिक कदम उठाने को प्रेरित करेगा.खुद को मुसलमानों के बीच सबसे बड़ा और लोकप्रिय व्यक्ति बताते हुए नाइक ने लिखा हैकि अगर आप मुस्लिम समुदाय के ‘इस’ शख्स को नीचा दिखाएंगे और उसे शैतान के रूप में पेश करेंगे तो बाकी सब बिल्कुल आसान हो जाएगा. इसलिए जो भी हो रहा है वह एक साजिश है, और इसको करने की कोई वजह नहीं दिख रही.

Tuesday, 6 September 2016

अब हमारे हाथ में हैं आरएसएस की गर्दन, जब चाहे मरोड़ दें: कपिल सिब्बल

नई दिल्ली:महात्मा गाँधी की हत्या का इल्जाम आरएसएस पर डालने पर अब राहुल गाँधी को यह अदालत में भी साबित करना है कि महात्मागाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के आरएसएस के साथ बहुत गहरे संबंध थे। इसे साबित करने के लिए राहुल के वकील कपिल सिब्बल तरह-तरह केजुगत लगाकर सबूत हासिल करने की कोशिश में लगे हैं। गोडसे को आरएसएस का सदस्य साबित करने के लिए कपिल सिब्बल महात्मा गाँधी के परपोते तुषार गाँधी की किताब के अलावा मार्कजे, मनोहर मलगांवकर, एस इस्लाम, कोएनराड एल्स्ट जैसे लेखकों की किताबों को इकट्ठा कररही हैं। इनमें से मार्क-जे की किताब ‘द न्यू कोल्ड वॉर रिलिजियस नेशनलिस्ट कंफ्रन्ट द सेक्युलर स्टेट’ है। जिसमें लिखा गया है कि”’नेहरू ने फ़रवरी 1948 को होम मिनिस्टर को पत्र लिखकर बताया था कि गाँधी जी की हत्या एकबड़े अभियान का हिस्सा था, और यह अभियान आरएसएस का था। वहीँ मनोहर मलगांवकर की किताब‘द मैन हु किल्ड गाँधी’ में कहा गया है कि गोडसे आरएसएस का सदस्य था। कपिल सिब्बल का कहना है कि उन्हें संघ का पर्दाफाश करने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा और इसके वह अदालत में संघ प्रमुख मोहन भागवत इन मुद्दे पर अदालत में बहस करने के लिए बुलाएँगे।

ग़रीब डाटा खाएगा या आटा,लालू का सरकार पर हमला

पटना 06 सितम्बर: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)के सदर लालू प्रसाद यादव ने रिलाइंसजीव के सस्ते डाटा पर तंज़ करते हुए कहा है कि ग़रीब डाटा खाएगा या आटा। यादव ने ट्वीट करके कहा कि ग़रीब डाटा खाएगा या आटा।।डाटा सस्ता आटा महंगा यही उनके मुल्क बदलने की तारीफ़ है।उन्होंने कहा कि लगे हाथ ये भी बता दो ,काल ड्राप का मसला कौन सुलझाएगा। काबिल-ए-ज़िक्र है कि रिलाइंस जीव सिम का मुतालिबा मुल्क भर में ज़ोरों पर है और हर-रोज़ उस सिम के लिए हज़ारों नई दरख़ास्तें मौसूल हो रही हैं। जीव 50 रुपए में एक जीबी डाटा और ज़्यादा इस्तेमाल करने पर 25 रुपए फ़ी जीबी देने का एलान किया है।

पाकिस्तान जाने के लिए बेताब हैं मोदी: भारतीय उच्चायोग

दिल्ली/इस्लामाबाद:देश में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अपने विरोध में उठनेवाली हर आवाज़ को पाकिस्तान चले जाओ कहकर चुप करवाने वाले नेताओं और मित्रों के मुँह बंद होने वाले हैं क्योंकि आज जो खबर हम सबके सामने आई है वो है ही कुछ ऐसी।खबर मिली है की देश के प्रधानमंत्री मोदी पकिस्तान जाने के लिए बहुत बेताब हैं और दिन गिन रहे हैं कि कब सार्क सम्मलेन शुरू हो और कब वो उसमें शिरकत करने पाकिस्तान पहुंचें। यह खबर दी है पाकिस्तान में बतौर भारतीय उच्चायुक्त काम कर रहे गौतम बॉम्बावले ने। बम्बावाले का कहना है कि भविष्य का तो पता नहीं लेकिन आज की बात करें तो मोदी पाकिस्तान में आकर सार्क सम्मलेन में शिरकत करने के लिए बहुत बेताब हैं।

पकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले हुर्रियत से सरकार बंद करे बातचीत :उलेमा

मुस्लिम उलेमाओ का एक समूह आज भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात की ,इन लोगो ने कश्मीर मसले पर भी गृहमंत्री से बात की .मीटिंग के बाद मौलवियों ने एक सुर में कहा किकेंद्र सरकार को कश्मीर की स्थिति सुधारने के लिए अलगाववादियों से बातचीत नहीं करनी चाहिए.मिलने के बाद उलेमाओ ने कहा , ‘हुर्रियत के लोगों से बातचीत क्यों हो? ये वे लोग हैं जो ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हैं।’इसके साथ ही सभी मौलवियों ने उन लोगों पर भी सवाल खड़े किए जो अलगाववादियों से मिलने के लिए गए थे. मौलवियों ने कहा कि उन लोगों को अलगाववादियों से बातचीत करने जाना ही नहीं चाहिए था.

जब कानून सबके लिए बराबर तो मोदी राज में क्यूं नहीं है सुप्रीम कोर्ट में एक भी मुस्लिम जज

हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक़ की सुप्रीम कोर्ट में एक भी मुस्लिम जज नहीं है। आखिरी बार 2012 में सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम जज की नियुक्ति की गई थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जस्टिस एम.वाई.इकबाल और जस्टिस फकीर मोहम्मद 2012 में जज बने थे जोकि इस साल रिटायर हो गए हैं। पिछले 11 वर्षों में ऐसा पहली बार और पिछले करीब तीन दशकों में ऐसा दूसरी बार हुआ है कि देश की सुप्रीम कोर्ट में कोई मुस्लिम जज नहीं है। हालांकि कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच हाईकोर्ट्स में जजों कीनियुक्ति को गतिरोध के चलते काफी देरी लग रही है। गौरतलब है कि जजों की नियुक्ति में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। आपको दें कि सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जस्टिस एम. फातिमा बीवी जज भी एक मुस्लिम थीं जोकि 6अक्टूबर 1989 से 29 अप्रैल 1992 तक सुप्रीम कोर्ट में जज थीं। सुप्रीम कोर्ट सेरिटायर हो चुके 196 और मौजूदा 28 जजों में कुल 17 (7.5 प्रतिशत) जज मुस्लिम रहे ह

1953 में हज की 15 ऐसी तस्वीरें जो आपका दिल जीत लेंगीं

Yaha dekhiye kuch aisi tasveer jo apne kabhi nahi dekhi hongi










मस्जिद तामीर या मरम्मत में किसी ग़ैर मुस्लिम का पैसा नहीं लग सकता!

अयोध्या : पिछले दिनों सावन मेले के दौरान मंदिर की छत गिरने के बाद हुए हादसे के चलते प्रशासन ने ऐसी जर्जर इमारतों को नोटिस जारीकिया है कि या तो उनकी मरम्मत कराई जाए या फिर उन्हें गिरा दिया जाए. आलमगीरी मस्जिद के लिए भी इसी के तहत नोटिस जारी किया गया है.लेकिन हाजी महबूब कहते हैं कि यदि महंत ज्ञानदास वास्तव में हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश करना चाहते हैं तो उन्हें यह ज़मीन और मस्जिद मुसलमानों को सौंप देनी चाहिए. नुमानगढ़ी स्थित आलमगीरी मस्जिद की जर्जर इमारत को महंत ज्ञानदास ने ठीक कराने का फ़ैसला किया और उस पर काम भी शुरू करा दिया. लेकिन कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है. हाजी महबूब का आरोप है कि महंत ज्ञानदास ऐसा सिर्फ़ पब्लिसिटी के लिए कर रहे हैं और अक़्सर ऐसे काम करते हैं ताकि उन्हें पब्लिसिटी मिलती रहे, लेकिनमस्जिद की मरम्मत या उससे जुड़ा कोई काम करने की मुस्लिम समाज उन्हें इजाज़त नहीं देगा.बताया जाता है कि 17वीं शताब्दी में इस मस्जिद को मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के किसी सेनापति ने बनवाया था. बाद में अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने ये जगह मंदिर बनाने के लिए हनुमानगढ़ी मंदिर ट्रस्ट को दे दी. मस्जिद में लगातार नमाज़ भी होती रही.लेकिन हाल ही में जिला प्रशासन ने कानूनी तौर पर हनुमानगढ़ी ट्रस्ट को इस पूरे परिसर और भवन का स्वामी मानते हुए मस्जिद से सटी जर्जर दीवार को गिरा देने या मरम्मत कराने का नोटिस दिया है. उसी आधार पर मस्जिद के सामने जमीन पर बने चबूतरे और दीवार का निर्माण कार्य कराया जा रहा है.इस बारे में महंत ज्ञानदास से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं होसकी. उनके इस प्रयास की तारीफ़ भी हो रही है, लेकिन हाजी महबूब के अलावा ऐसे और भी कई संगठन हैं जो कि महंत ज्ञानदास के इस क़दम काविरोध कर रहे हैं.बहरहाल मस्जिद से सटी दीवार के जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है. महंत ज्ञानदास बाबरी मस्जिद के अहम पक्षकार हाशिम अंसारी के साथ मंदिर-मस्जिद विवाद का हल ढ़ूूंढने के मामलेमें भी काफी प्रयास कर चुके हैं.

उस्मान साम्राज्य ने बनवाया था इस्तांबुल को मदीना शहर से जोड़ने वाला रेलव

तुर्की के मशहूर ओटोमन साम्राज्य(उस्मान साम्राज्य) के सुलतान अब्दुल हमीद-2 ने दुनिया भर के मुसलमानों के लिए अच्छी परियोजनाएं शुरू करने की कोशिश की थी उसी में से एक थी इस्तांबुल से लेकर मदीना शहर तककी रेल लाइन. उन्होंने बगदाद-बर्लिन रेलवे की भी पूरी तैयारी की थी लेकिन कुछ युद्ध और परिस्थितियों ने ये सब बहुत मुमकिन नहीं होने दियी. दमिश्क से मक्का जाने के रेल लिंककी योजना उस दौर में बनायी गयी थी जब हज करने जाने वाले लोगों के लिए बहुत सुविधाएं ना थीं और हवाई जहाज़ जैसी व्यवस्था नहीं आई थी. हज में महीनों का सफ़र लगता था लेकिन इस्तांबुल से मक्का जाने के लिए जो रेल लाइन बनायी गयी थी वो महज़ पांच दिनों का वक़्त लेतीथी. इस योजना के तहत पूरे मुसलमानों को एक सूत्र में जोड़ने की कोशिश की गयी थी लेकिन ओटोमन साम्राज्य के पतन के बाद ये सब एक ख्व़ाब बन के रह गया वहीँ ओटोमन साम्राज्य के विघटन के बाद मुस्लिम देश आपस में झगडा करने में ज़्यादा वक़्त बिताने लगे बजाय कुछ अच्छा काम करने के.

मुस्लिम नौजवानों ने किया एक हिन्दू का अंतिम संस्कार

ठाणे : महाराष्ट्र के मुम्ब्रा में कुछ मुस्लिम नौजवानों के एक ग्रुप ने ठाणे के नजदीक कौसा इलाके में सोमवार देर रात एक हिन्दू का अंतिम संस्कार किया.जानकारी के मुताबिक, वमन कदम (65 साल) का सोमवार को मौत हो गयी थी. उसके घर में बीवी कोछोड़ कर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए कोई और सदस्य या रिश्तेदार मौजूद नहीं था. काफी देर इंतजार करने के बावजूद जब कोई नहीं आया तो ऐसे में आठ मुकामी नौजवानों ने खुद पहल करते हुए उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां की.इन नौजवानों ने अंतिम संस्कार के लिए जरूरी पारम्परिक सामान जैसे बांस, रस्सी, मटका, अगरबत्तियों के साथ-साथ कपड़ा और एक फूंस का आसान खरीदा. इसके बाद ये नौजवान लाश को सुबह तीन बजे एक श्मशान घाट ले गए और मृतक वमन कदम का अंतिम संस्कार कर दिया. अंतिम संस्कार करने वाले नौजवानों के नाम खलील पवने, फहद दबीर, नवाज दबीर, राहील दबीर, शबान खान, मकसूदखान, फारूख खान, मोहम्मद कसम शेख बताए गए हैं.जैसे ही मुकामी लोगों को इस काम की जानकारी मिली तो मुम्ब्रा कलवा के विधायक जितेन्द्र अवहाद ने एक फेसबुक पोस्ट पर उन्हें सैल्यूटकिया. इन नौजवानों के मानवता से पूर्ण इस कामकी मुस्लिम बहुल मुम्ब्रा के निवासियों ने भी तारीफ की है.

Sunday, 4 September 2016

हिन्दू लड़को ने मुस्लिम लड़कियो के हिजाब पहनने पर बेन लगाने के लिए अभियान चलाया।

मंगलुरु-शहर के डोक्टर शिवराम कारंथ सरकार स्कूल में 492 छात्र है जिसमे से सिर्फ चार मुस्लिम छात्र है और वही 15 मुस्लिम छात्राए हैलेकिन कॉलेज में आरएसएस से जुड़े 50 छात्रों ने कैंपस में हिजाब को बैन करने के लियें अभियान चलाया है जिसमे ये लड़के कॉलेज में भगवा शाल पहन के आते हैकॉलेज में चल रहे इस तरह के विरोध प्रदर्शन पर प्रिंसिपल चन्द्रशेखर ने कहा ये लड़के मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहन के कैंपस मेंआने पर बैन लगाने की मांग कर रहे है जिसके लियें इन्होने इस तरह का विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया हैउन्होंने कहा इन लडको ने और भी हिन्दू लडको से भगवा शाल पहने के आने को प्रेरित किया था लेकिन ज़्यादातर छात्रों ने अपने को इनके प्रदर्शन से अलग कर रखा हैकॉलेज प्रशासन का कहना है शाल कॉलेज यूनिफार्म का हिस्सा है कुछ मुस्लिम छात्राए इस शाल को हिजाब के तराह पहनती है अबये मामले सोसल मीडिया पे भी चर्चा का विषय बनगया है कुछ ने इन लडको की हिमायत की है वही ज्यादातर ने आरएसएस से जुड़े इन लडको की निंदा की ह

“मैं मन की बात बहुत मन लगा के सुनता हु,राहत इन्दोरी ने मोदी पर कसे तंज।

ज़मीर बोलता है ऐतबार बोलता है
मेरी ज़ुबान से परवरदिगार बोलता है
मैं मन की बात बहुत मन लगा के सुनता हूँ
ये तू नहीं है तेरा इश्तेहार बोलता है
कुछ और काम उसे याद ही नही शायद
मगर वो झूठ बहुत शानदार बोलता है
तेरी ज़ुबान कतरना बहुत ज़रूरी है
तुझे ये मर्ज़ है तू बार बार बोलता है

राहत इन्दौरी की ग़ज़ल तंज कश्ती हुई मोदी पर।

बांग्लादेश: जमात ए इस्लामी के नेता को दी गयी फाँसी

ढाका: बंगलादेशी सरकार ने देश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी जमात ए इस्लामी को फाइनेंस करने वाले एक अमीर व्यापारी को फांसी पे चढ़ा दिया है. देश के क़ानून मंत्री मीर क़ासिम अली ने कहा कि 10:35 PM पर उन्हें सज़ा-ए-मौत दी गयी. जमात ए इस्लामी पार्टी के ऊपर देश की सरकार ने “राज द्रोह” का मुक़दमा चलाया था और इसके बाद कई बड़े नेताओं को फांसी दी गयी है. दुनिया भर के मानव अधिकार समर्थकों ने बंगलादेशी सरकार की सख्त आलोचना की ह

इंटरव्यू देकर हीरो बन रहे मोदी असल मे प्रधानमंत्री के नाम पर धब्बा हैं:कांग्रेस

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री मोदी के हाल ही दिए गए इंटरव्यू की जहाँ उनके चाहने वाले तारीफों के पुल बाँध रहे है वहीँ विपक्षी दल उनका विरोध कर रहे हैं।  कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के दिए गए इंटरव्यू  को ‘झूठ’ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री पद की  गरिमा की परवाह किए बिना उन्होंने देश को फिर गुमराह किया है। कांग्रेस के सीनियर स्पोक्समैन आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी का यह इंटरव्यू  कम और ‘प्रवचन’ ज्यादा था और पूरा इंटरव्यू गलत तथ्यों पर आधारित है। इंटरव्यू में पूछे गए सवाल ऐसे लग रहे थे मानों प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा तैयार किए गए हो। भारत की अर्थव्यवस्था की बात कर रहे मोदी असल में देश के आर्थिक हालात के बारे में बहुत कम जानते हैं। मोदी ने कहा है कि बदले की भावना से काम नहीं कर रहे लेकिन अगर सच में ऐसा होता तो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के घर पर उस दिन सीबीआई की टीम नहीं पहुंचती जिस दिन उनकी बेटी की शादी हो रही थी। बीजेपी हमेशा कांग्रेस पर निशाने साधने में लगी रहती है।

अयोध्या में किए नरसंहार के लिए मुलायम सिंह और आजम खान को बीजेपी और राम भक्त कतई माफ़ नई करेंगे: साक्षी महाराज

उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सांसद और बीजेपी नेता साक्षी महाराज ने ब्यान दिया है कि बीजेपी ऐसी पार्टी है कि अगर बीजेपी विरोधी भी इस पार्टी में शामिल होने की इच्छा जाहिर करें तो उनका भी स्वागत करेंगे। फिर चाहे मायावती, सोनिया गाँधी या मुलायम सिंह यादव क्यों न हो हम उनका भी तहे-दिल से स्वागत करेंगे और बीजेपी को इससे भी कोई ऐतराज भी नहीं होगा। लेकिन अयोध्या में हुए नरसंहार को हम और राम भक्त सूरज चांद रहने तक आजम खान और मुलायम सिंह यादव को माफ़ नहीं करेंगे।

G-20 से पहले सऊदी के प्रिंस मोहम्मद और एरदोगन की मुलाक़ात से सियासी हलचल तेज़

हन्ग्ज़्हौ, चीन: जी-20 शिखर वार्ता से पहले सऊदी के डिप्टी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यिप एरदोगन से मुलाक़ात की.इस मुलाकात को सियासी पंडितों की नज़र से बहुत ही अहम् माना जा रहा है ,Facebook पर हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करेंचीन में होने वाली इस शिखर वार्ता से पहले हुई दोनों नेताओं की मुलाक़ात की एहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्यूंकि दोनों मुल्क सीरिया में चल रहे ग्रह युद्ध में सक्रीय भूमिका निभा रहे हैं. कल से शुरू होने वाली शिखर वार्ता में 19 देश भाग लेंगे जिसमें भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमरीका, तुर्की, कनाडा, जर्मनी, इटली, इंडोनेशिया, जापान, साउथ कोरिया, मेक्सिको, रूस, फ़्रांस, ब्राज़ील और इंग्लैंड जैसे देश शामिल हैं. इस शिखर वार्ता में सीरिया युद्ध बातचीत का एक बड़ा मुद्दा हो सकता है.

शोक में उज्बेकिस्तान, राष्ट्रपति “इस्लाम करिमो” सुपुर्द-ए-खाक

समरकंद। उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम करिमोव शनिवार को अपने गृहनगर समरकंद में सिपुर्दे खाक कर दिए गए। समरकंद हवाई अड्डे से कब्रिस्तान तक सड़क के दोनों ओर गम में डूबे लोग अपने नेता के आखिरी दर्शन के लिए खड़े थे। उनके निधन पर तीन दिन के शोक की घोषणा की गई है। 78 साल के करिमोव का शुक्रवार को निधन हो गया था। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून सहित दुनिया भर के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।उनके जनाजे में रूसी प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव, तजाकिस्तान के राष्ट्रपति ई रखमोन, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति जी बर्दीमुखमेदोव, किर्गिस्तान, बेलारूस और कजाखिस्तान के प्रधानमंत्री भी शामिल हुए।उल्लेखनीय है कि करिमोव 1989 से उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति थे। वह इस पद को सोवियत संघ से अलग होने के पहले से संभाल रहेथे। तीन करोड़ 20 लाख की आबादी वाले इस देश के करीब आधे लोग उनके सत्ता में आने के पाद पैदा हुए हैं।

आखिर मुस्लिम क़ौम इतनी बड़ी तादाद में अनपढ़ क्यों?

दिल्ली : मुस्लिम क़ौम के बारे में भारत में इतनी रिपोर्ट आ चुकी फिर भी मुस्लिम क़ौम इनसे अंजान बने फिर रहे हैं, चाहे वो सहचर की रिपोर्ट हो या फिर कोई और रिपोर्ट अब खबर आ गई कि भारत में सबसे अधिक अनपढ़ भी मुस्लिम हीहैं. लेकिन क्यों? भारत के मुसलमानों का दीन और दुनिया के बीच जो सामंजस्य बिठाना चाहिए था वह उतना अच्छा नहीं है जितना अन्य देशों में है. शायद उनके पिछड़ेपन की वजह भी यही है. इसीलिए 2011 की जनगणना के जो आंकड़े आ रहे हैं उनमें मुसलमानों के पिछड़ेपन की कहानी कुछ ज्यादा ही नुमायां हो रही है. अभी इस खबर को गुजरे ज्यादा दिन भी नहीं हुए थे कि भारत का हर चौथा भिखारी मुस्लिम है, अब यह खबर आ गईकि भारत में सबसे अधिक अनपढ़ भी मुस्लिम ही हैं. जनगणना के ताजा आंकड़े बताते हैं कि भारतमें 42.72 प्रतिशत से अधिक मुसलमान अनपढ़ हैं और सबसे कम निरक्षर सिर्फ 13.57 फीसदी जैन समुदाय के लोग हैं. यह भी अजीब इत्तेफाक है कि सबसे कम पढ़े लिखे और सबसे अधिक पढ़े लिखे, दोनों ही अल्पसंख्यक हैं. देश में 25.7 प्रतिशत जैन समुदाय के लोग ग्रैजुएट हैं जबकि मुसलमानों में इनका फीसद सिर्फ 2.8है. ईसाइयों में 8.8 फीसदी लोग ग्रैजुएट हैंऔर सिक्ख 6.4 प्रतिशत ग्रैजुएट हैं.भारत की आबादी में मुसलमान 14.23 फीसदी हैं जबकि भिखारियों की आबादी में उनकी हिस्सेदारी 24.9 प्रतिशत बनती है. सच्चर आयोग की रिपोर्ट पहले ही बता चुकी है कि भारतमें मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर हो चुकी है. प्रसिद्ध लेखक असगर वजाहत ने इस बारे में बड़ा वाजिब सवाल उठाया है. वह कहते हैं कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में मुसलमान अनपढ़ क्यों हैं. उनके अनुसार उत्तर भारत का मुस्लिम समाज विभिन्न धार्मिक मसलकों और मतों में इतना अधिक विभाजित कर दिया गया है कि उनके बीच संवाद की स्थिति ही नहीं बनती. हर मसलक और मत को मानने वाले केवल अपने धर्म गुरुओं की बात सुनते हैं. गुजरात में सबसे अधिक फिरकों और मसलकों में बंटे मुसलमान हैं. वजाहत कहते हैं कि अपवाद हो सकते हैं पर मुस्लिम धर्मगुरु शिक्षा पर बहुत अधिक बल नहीं देते क्योंकि शिक्षा प्राप्त व्यक्ति धर्मांधता से बाहर निकल आता है और मौलवी यह नहीं चाहते हैं कि उनकी पकड़ से उनके अनुयायी बाहर आए क्योंकि उनके मानने वालों की जितनी अधिक संख्या होती है वे चुनाव की राजनीति में उतना अधिक मोलतोल करते हैं.एक बड़ा सवाल यह भी है कि शिक्षित मुस्लिम मध्यमवर्ग मुसलमानों की शिक्षा का कोई बड़ा कार्यक्रम क्यों नहीं चलाता है. असगर वजाहत कहते हैं कि आजादी के बाद जन्मी यह पहली मुस्लिम पीढ़ी है जो मध्यम वर्ग बनी है. नए मध्यम वर्ग बनने के कारण उसके अंदर एक प्रकार का आत्मसंतोष और स्वार्थ पैदा हो गयाहै. वह दूसरों की चिंता किए बगैर आत्मकेंद्रित हो गई है. दूसरी तरफ मुस्लिम व्यापारी वर्ग प्रायः धन कमाने और धन के प्रदर्शन पर विश्वास करता है. ऐसी स्थिति में मुस्लिम समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का काम बहुत कठिन हो गया है.लेकिन यह भी सही है कि कुछ समय बाद यही वर्ग समाज को दिशा देने का काम करेगा. हालांकि कि कुछ लोग और संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं, पर उनका काम काफी नहीं है. यह स्थिति उत्तर भारत के मुसलमानों की है इसमें दक्षिणभारत के मुसलमानों को शामिल नहीं किया जा सकता है यह बात सभी को पता है कि ऐतिहासिक कारणों से उत्तर और दक्षिण भारत के मुसलमानोमें बहुत सामाजिक अंतर है, धार्मिक भी और सामाजिक भी.समाजशास्त्री प्रोफेसर राजेश मिश्र इस बात को दूसरे ढंग से कहते हैं कि उनके बीच चलाए जा रहे अधिकांश कार्यक्रम मजहबी चोले से बाहर नहीं आ पा रहे हैं. हो भी रहा है तो मदरसों का आधुनिकीकरण. आधुनिक शिक्षा के लिएमुस्लिम इलाकों में जो काम होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है और यह काम मुसलमानों के सहयोग के बिना मुमकिन भी नहीं है.लखनऊ के प्रसिद्ध समाजसेवी तारिक सिद्दीकी कहते हैं कि मुसलमानों की तालीम का काम बड़े पैमाने पर मुस्लिम संस्थाएं शुरु करती हैं लेकिन कुछ समय बाद वह संस्थाएं धार्मिक कामों में ज्यादा दिलचस्पी दिखाने लगती हैं.जाहिर है कि उन पर सामाजिक दबाव काम करता है. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जौहर यूनिवर्सिटी और इसी तरह की दूसरी मुस्लिम शैक्षिक संस्थाओं में जाकर इस बात का अहसास होता है कि मुसलमानों में शैक्षिक रुझान बहुत तेजी से बढ़ रहा है. हां, यह काम अभी पिछले दस पंद्रह वर्षों में ही शुरू हुआ है तो इसके नतीजे भी दस पंद्रह साल के बाद दिखने लगेंगे.ब्लॉगः एस. वहीद

इमाम और धर्मगुरुओं पर हमले किए गए तोआर-पार की लड़ाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा-आज़म खान

रामपुर । स्वार में आयोजित जनसभा जनसभा में सूबे के कद्दावर मंत्री आजम खां ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाकर देश के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। सीमा पर सैनिकों का खून बह रहा है और हमारे पीएम पाकिस्तान केप्रधानमंत्री की मां के पैर छू रहे हैं। कश्मीर मुद्दे पर शनिवार को आजम ने कहा कि वहअब उन्हें देश का प्रधानमंत्री बना दें तो हफ्ते भर में दोनों कश्मीर एक कर देंगे।Facebook पर हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करेंउन्होंने कहा कि आरएसएस मुख्यालय के इशारे पर मीडिया उनके चरित्र हनन करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे हमले सियासतदानों तक तो बर्दाश्त हो सकते है, लेकिन इमाम और धर्मगुरुओं पर हमले किए गए तो आर-पार की लड़ाईके लिए मजबूर होना पड़ेगा। भाजपा और संघ के मुख्यालय से इशारा होते ही ऐसी घिनौनी साजिशें हुई कि हमारे धर्मगुरुओं पर एक अखबार के जरिये अय्याशी के कारोबार के नाम पर उनका चरित्र हनन किया जाने लगा। धर्मगुरुओं के खिलाफ यह साजिशें बर्दाश्त नही होंगी।

गौ-रक्षा के नाम पे आतंक का नया मामला: चिकन-फ़ीड को गाय का गोश्त समझ कर जला डाला ट्रक

भोपाल: एक बार फिर गौ-रक्षकों के नाम पर आतंक फैलाने की घटना सामने आई है. मध्य प्रदेश की क़ानून व्यवस्था जैसे चरमरा सी गयी है, रोज़ एकनयी वारदात सुनने को आती है. ताज़ा मामला है ज्होरा गाँव का जहां पर मुर्गीयों के चारे को गाय का गोश्त समझ कर गौ-आतंकियों ने एक ट्रक को जला दिया. लोकल पुलिस इंस्पेक्टर एच सी लाडिया ने इस मामले में सख्त कार्यवाही की बुनियाद पर दो गौ-आतंकियों को गिरफ़्तार कर लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये लोग बजरंग दल से जुड़े हुए थे लेकिन पुलिस ने अभी इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. इस मामले में बबलू ठाकुर और गौरव ठाकुर नाम के दो कथित गौ-आतंकियों को गिरफ़्तार किया गया है. ये ट्रक उत्तर प्रदेश के लिए रवाना था. ट्रक के मालिक राजेश जैन ट्रक के केबिन से किसी तरह भागे लेकिन उन्हें इन गौ-आतंकियों की भीड़ ने पकड़ लिया और उनको बुरीतरह मारा. कुछ ही मिनटों में उग्र गौ आतंकियों ने ट्रक में आग लगा दी.देश में जिस तरह से गौ-रक्षा के नाम पर आतंक बढ़ रहा है वो एक सोचने का विषय बन गया है और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां क़ानून व्यवस्था बहुत कमज़ोर दिखती है वहाँ इनका क़हरबरपा है.

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